पूर्णिया। इन दिनों बनमनखी प्रखंड क्षेत्र के किसानों के समक्ष डीएपी कमी एक बड़ी समस्या बनकर खड़ी है। अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों से मिली जानकारी अनुसार डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से खेती-बाड़ी ठप पड़ा हुआ है। अलग-अलग क्षेत्रों के किसान कहते हैं कि 15 अक्टूबर से ही डीएपी की किल्लत है। कहीं भी यह उपलब्ध नहीं हो रहा है। बोले कि मकई का बीज घर में रखा हुआ है और डीएपी के अभाव में लोग इसकी बोआई नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं इसके लिए दर दर भटक रहे हैं।
कामत टोला रूपौली दक्षिण के अखिलेश प्रसाद सिंह, सुरेश सिंह, अरूण सिंह, अरविद सिंह सहित कई अन्य किसानों ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि डीएपी के अभाव में हम किसानों की खेती ठप पड़ गई है। जानकीनगर, बनमनखी एवं मुरलीगंज के बाजारों में इसकी अनुपलब्धता है। दिन-प्रतिदिन किसान डीएपी के लिए इन बाजारों का चक्कर लगा रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि खेत विल्कुल तैयार है,बुआई कार्य ठप पड़ा हुआ है, जिससे आनेवाली फसल को लेकर सभी चितित हैं। किसानों ने बताया कि उनलोगों की आय का एक प्रमुख स्त्रोत खेती ही है।अगर समय पर डीएपी उपलब्ध नहीं हुआ तो फसल उत्पादन में भारी गिरावट हो जाएगी और किसानों कि आम नगण्य हो जाएगी। ऐसी स्थिति में इसका असर दूरगामी होगा। किसानों ने बताया कि मकई फसल तैयार कर और उसे बाजारों में बिक्री कर बड़ी आंत हासिल करते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण,शादी विवाह, बच्चों की पढ़ाई लिखाई जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य इसी फसल की आमदनी से करते हैं। ऐसी परिस्थिति में इलाके के किसान अपने भविष्य को लेकर काफी चितित नजर आ रहे हैं। अगर ससमय इन किसानों को डीएपी उपलब्ध नहीं कराया गया तो बहुतेरे किसान इस खेती से वंचित हो सकते हैं। चांदपुर भंगहा के पूर्व पंसस उमेंश कुमार भारती,रूपौली उत्तर के मंटून राय, पूर्व मुखिया रणविजय , रामदेव शर्मा व स्थानीय दर्जनों किसानों ने बताया कि आसपास के खाद दुकानों में कहीं भी कोई खाद नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसान क्या खेती करेंगे। जानकारी दी गई कि सरकार द्वारा की गई घोषणा अनुरूप अब तक पैक्सों के माध्यम से धान की खरीदारी शुरू नहीं होने के कारण क्षेत्रीय बहुसंख्यक किसान औने-पौने दाम पर अपना धान बेच रहे हैं। अभी डीएपी की अत्यंत आवश्यकता है,जो उपलब्ध नहीं है। इससे किसान एवं सरकार दोनों की सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है। बोले अधिकारी : पूर्णिया के जिला कृषि पदाधिकारी से पूछने पर बताया गया कि डीएपी के लिए हमलोग भी परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों से दिन रात इसके लिए अनुरोध किया जा रहा है। जैसे ही उपलब्ध हो जाएगा वैसे ही किसानों की किल्लत दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मिक्चर खाद भी किसानों को उपयोग करना चाहिए।वह भी अच्छी खाद है। जिला कृषि पदाधिकारी ने संभावना जताते हुए कहा कि दो से तीन दिनों में रैक लगानेवाला है। बोले विभागीय अधिकारियों के द्वारा कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार छापामारी की जा रही है।