जागरण संवाददाता, सुपौल : पंचायत चुनाव का आखिरी चरण रविवार को संपन्न हो गया। इसके तहत सुपौल प्रखंड की 26 पंचायतों में चुनाव हुआ। यहां विभिन्न पदों के लिए भाग्य आजमाने वाले 3125 प्रत्याशियों की किस्मत पर मतदाताओं ने मुहर लगा दी है। प्रत्याशियों में किसकी किस्मत का सितारा चमका और किसका टूटा यह फैसला मंगलवार को मतगणना बाद होगा लेकिन मतदान के लिए मतदाताओं के उत्साह को देखते हुए यह तो कहा ही जा सकता है कि मतदाताओं ने मैदान मार लिया है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थी। प्रखंड में कुल 846 पदों के लिए चुनाव हुए। इसमें 26-26 मुखिया व सरपंच, 376 वार्ड सदस्य और इतने ही पंच, 38 पंचायत समिति सदस्य और चार जिला परिषद सदस्य के पद हैं।
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मतदान अपने निर्धारित समय सुबह सात बजे प्रारंभ हुआ। मतदान भले ही निर्धारित समय से शुरू हुआ लेकिन मतदाता तो मतदान के लिए अल सुबह से ही अधीर से नजर आ रहे थे। कई मतदान केंद्रों पर छह बजे से ही मतदाता जुटने लगे थे। बरुआरी के मतदान केंद्र संख्या 237 पर कतार में खड़ी सरिता कुमारी ने बताया कि मतदान के बाद ही घर का काम करूंगी। अन्य मतदाताओं का भी कुछ ऐसा ही कहना था। असल में गांवों में इन दिनों किसानों को सांस लेने की फुरसत नहीं मिलती है। धान की कटनी और रबी फसल की बोआई का समय चल रहा है। उसपर से दिन जैसे टिकने का नाम ही नहीं लेता है। सुबह से दोपहर तक के वक्त का तो कुछ पता चलता है लेकिन दोपहर बाद कब शाम और उसके बाद रात हो जाती है पता ही नहीं चल पाता है। खैर वक्त का पता चले ना चले लेकिन मतदान का पता था। चौघारा के पंचायत भवन मतदान केंद्र के बाहर खड़े लक्ष्मण यादव ने बताया कि गेहूं का खेत जोताई कर तैयार है। खाद नहीं मिल रही है। खाद के लिए पिपरा जाना है इसलिए सुबह ही वोट गिराने के लिए आया। यहां महिलाओं की इतनी लंबी लाइन है कि कतार में लगने का हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं। यह पूछे जाने पर कि मतदान करेंगे या नहीं तो वे बोले कि गेहूं की बोआई तो एक दिन बाद भी होगी लेकिन मतदान का मौका तो पांच साल बाद ही मिलेगा। इसलिए वोट गिराने के बाद ही जाउंगा। लगभग सभी मतदान केंद्रों पर सुबह के समय मतदाताओं की लंबी कतारें बता रही थी कि पहले लोग मतदान करने के मूड में हैं। दोपहर के समय केंद्रों पर भीड़ कुछ कम जरूर हुई लेकिन दोपहर बाद कतारें लंबी होनी लगी।