Bihar: होली पर चवन्नी, अट्ठनी-सिक्के और मैंगो फ्रूटी की बढ़ी डिमांड से शराब तस्करों की मौज, पुलिस भी मुस्तैद



जागरण संवाददाता, मुंगेर। चवन्नी, अठन्नी और सिक्का भले ही बाजार से गायब हो गए हैं, लेकिन शराब के तस्करों ने इन्हें आज भी जिंदा कर रखा है।
जिले में होली को लेकर शराब की डिलीवरी कोड वर्ड में हो रही है। चवन्नी का मतलब क्वार्टर, अठन्नी का मतलब हाफ और सिक्के का मतलब काड। साथ ही मैंगो फ्रूटी का मतलब ट्रेटा पैक हो गया है।
होली को लेकर शराब की तस्करी बढ़ गई है। पड़ोसी राज्य झारखंड से सटे प्रखंड के गांव अवैध शराब का हब बन गया है।

सूबे में शराबबंदी चलते तस्कर पड़ोसी राज्य से अवैध रूप से धंधा कर रहे हैं। अवैध धंधे में संलिप्त गिरोहों के तार झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, यूपी और हरियाणा से जुड़े हुए हैं।
जिले में प्रतिदिन 10 से 15 लाख रुपये की शराब की तस्करी हो रही है। एसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी का कहना है कि शराब की धर-पकड़ के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस को सफलता भी मिल रही है। किसी भी सूरत में शराब की तस्करी करने वालों को बख्शा नहीं जा रहा है।




जिले में बरामद शराब किस तरह की है। इसकी जांच कराई जाती है। जिला उत्पाद अधीक्षक विपिन कुमार ने बताया कि अंग्रेजी के सभी ब्रांड का सैंपल जांच के लिए पटना स्थित उत्पाद रसायन विभाग भेजा जाता है। महुआ शराब की जांच मुंगेर में होती है।



शराब तस्करों को पकड़ने के लिए पुलिस ने नया तरीका अपनाया है। अब जिले में शराब तस्करों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के साथ डॉग स्क्वाॅयड की टीम भी होगी।

इसके पीछे मकसद यह है कि शराब की तस्करी की सूचना अक्सर लीक होने के बाद तस्कर फरार हो जाते हैं। लेकिन खोजी कुत्ता शराब की गंध सूंघकर पकड़ लेगा।
शराब के मामले में एक बार पकड़े जाने के बाद यदि फिर से आरोपित पकड़ा जाता है, तो उसका नाम गुंडा पंजी में दर्ज होगा। इसके लिए सभी थाने का निर्देश दिया गया है।
एसपी जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि हर हाल में शराब की तस्करी रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जेल से निकलने के बाद फिर से धंधा करने वालों का नाम गुंडा पंजी में दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।




जिले के शहरी इलाके के किला परिसर, लल्लू पोखर, चुआ बाग, विदवारा, सफियाबाद, हसनगंज, इस्माइलपुर, गौरीपुर, हेरूदियारा, पूरवसराय, वंसती तालाब, गुलजार पोखर, माधोपुर, लालदरवाजा, टीकारामपुर, तारापुर दियारा, मनियारचक, कटरिया, गढ़ीरामपुर, नौवागढ़ी उत्तरी, भगत चौकी, भैसाकोल, जमालपुर के दौलतपुर सहित अन्य जगहों, ईस्ट कॉलोनी में शराब की आपूर्ति हो रही है।

धरहरा में देसी शराब की भट्ठियाें को कई बार तोड़ा गया है। इसके बाद भी शराब बनाने का काम चल रहा है। खड़गपुर प्रखंड में शराब की तस्करी खूब हो रही है।
यहां सिर्फ छापेमारी में शराब बरामदगी होती है, एएलटीएफ और पुलिस तस्करों को नहीं पकड़ पाती। शराब तस्कर जुगाड़ के साथ जिले में तेजी से शराब की बिक्री कर रहे हैं।
चेक पोस्ट पर जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है और शहर तक शराब की आपूर्ति हो रही है।


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