मधेपुरा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की यहां बात छोड़िए, पढ़ाई भी नहीं हो रही है। जिले के करीब 82 सौ छात्रों का भविष्य अधर में है। 80 उच्च विद्यालयों में शिक्षक का पदस्थापन ही नहीं किया गया है।
ऐसे में छात्रों को मध्य विद्यालयों के शिक्षक किसी प्रकार समय निकालकर थोड़ी बहुत पढ़ा रहे हैं। इस स्थिति में छात्रों की स्थिति क्या होगी खुद अनुमान लगाया जा सकता है। बस नामांकन व परीक्षा की औपचारिकता पूरी होती है। छात्र नामांकन कराते हैं उसके बाद परीक्षा देने पहुंचते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि वे क्या कर सकते हैं। समस्या को वरीय अधिकारी व विभाग को लिखा गया है।
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15 विद्यालयों में ही पदस्थापित हैं शिक्षक
जिले में 95 मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालयों में परिवर्तित किया गया था। इसमें मात्र 15 विद्यालयों में ही शिक्षकों का पदस्थापन किया गया है। बांकी के 80 विद्यालयों में अब तक शिक्षकों के पदस्थापन की स्वीकृति ही नहीं मिली है। ऐसे में इन विद्यालयों में नामांकिन छात्रों की पढ़ाई में परेशानी हो रही है। छात्रों का कहना है कि मध्य विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक ही कभी-कभी क्लास ले लेते हैं। बांकी की पढ़ाई वे लोग खुद करते हैं। शिक्षकों के पदस्थापना नहीं होने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ग्रहण लगा हुआ है।
कोट के लिए
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95 विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बनाया गया था, लेकिन पद की स्वीकृति सिर्फ 15 को ही मिली। इस कारण 80 विद्यालयों में शिक्षकों का पदस्थापन नहीं किया जा सका है। फिलहाल मध्य विद्यालय के शिक्षक ही छात्रों को पढ़ा रहे हैं। विद्यालयों की सूची विभाग को भेजी गई है।
उग्रेस मंडल
डीईओ, मधेपुरा
Posted By: Jagran
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