कोरोना वायरस की वजह से केंद्र सरकार ने देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया हुआ है। लॉकडाउन से रोजगार कामगार, उत्पादन ठप है, साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ने लगा है।
इस समय दिल्ली गुजरात आदि शहरों से मजदूरों का सड़क के द्वारा पलायन जारी है। गरीब, मजदूर से लेकर मध्यम वर्ग तक के लोगों तक पर इसका असर देखने को मिल रहा है। इस लॉकडाउन का सबसे बुरा असर गरीब और रोज कमाने खाने वाले रिक्शा चलाने वालों पर पड़ा है।
सरकारी मदद इन तक नहीं पहुंच पा रही, ऐसे में इन लोगों के सामने कोरोना वायरस के साथ-साथ भूख और प्यास से भी लड़ने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है देश में कर्फ्यू-लॉकडाउन है इससे सबसे ज्यादा कोई परेशान हैं तो वह हैं रोजाना कमा कर खाने वाले और दिव्यांग पुलिस की सख्ती के शिकार सड़कों, मंदिरों पर सोने वाले बेसहारा लोग अनाज के लिए तरस रहे हैं। ज्यादातर लोगों के पास रहने का घर नहीं है इसलिए वो बस स्टैंड या किसी पुल के नीचे ही अपना गुजारा करते थे।
केंद्र सरकार की मदद कब पहुंचेगी कोई नहीं जानता
लॉकडाउन के बाद से इन गरीबों की हालत लगातार बिगड़ रही है। एक वक्त की रोजी-रोटी के लिए इनका परिवार मोहताज हो रहा है, खाने की व्यवस्था नहीं है। बच्चे भूखे हैं पैदल जा रहे हैं ज्यादातर देश के गरीबों का यही हाल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन मदद कब पहुंचेगी इसका किसी को कुछ नहीं पता।
लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद हजारों लोग अपने गांव की ओर जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के अलावा प्राइवेट एनजीओ अपने स्तर पर काम तो कर रहे हैं लॉकडाउन की वजह से इनके पास सही तरीके से मदद नहीं पहुंच रही है। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग भी कितनी जरूरी है, यह बात भी इन लोगों को बताने की जरूरत है।
दुकानों पर खरीदारी करने के लिए भारी भीड़ जमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 दिन लॉक डाउन की घोषणा के बाद पूरे देश भर में दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग कई कई दिनों का सामान जमा करने में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर सब्जियों के दामों में भी भारी बढ़ोतरी हो गई है। दवा, राशन की दुकानों पर भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई ज्यादा से ज्यादा सामान लेने की होड़ में नजर आया।
एटीएम के बाहर नोटबंदी जैसी लाइन नजर आई। पेट्रोल पंप पर भी हर कोई टंकी फुल कराने की जद्दोजहद करता दिखा। राशन की दुकान वालों ने सामानों के रेट बढ़ा दिए। पुलिस ने भी लोगों से शांति की अपील की। पुलिस ने कहा- रोजमर्रा के सामान और खाने-पीने की वस्तुओं का इंतजाम किया गया है। किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। इसके बावजूद लोग अपने घरों में सामान भारी मात्रा में जमा करने में लगे हुए हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार