'पाकीजा' फिल्म की शूटिंग देखने के लिए लाल बहादुर शास्त्री को किया गया था आमंत्रित, स्पीच में मांगी थी मीना कुमारी से माफ़ी

मीना कुमारी की आज पुण्यतिथि है। 1 अगस्त 1932 में मीना का जन्म हुआ था। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। उनका व्यक्तित्व अद्‌भुत था. उनकी आवाज में अजीब सी कशिश थी और उनकी आंखें बोलती थीं।


नई दिल्ली । बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा मीना कुमारी की आज पुण्यतिथि है। 1 अगस्त 1932 में मीना का जन्म हुआ था। उनका जन्म एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। उनका व्यक्तित्व अद्‌भुत था. उनकी आवाज में अजीब सी कशिश थी और उनकी आंखें बोलती थीं। कहा जाता है कि उन्होंने एक्टिंग के लिए कभी गिल्सरीन का इस्तेमाल नहीं किया। उनकी आंखों से बहते आंसू कई आंखों को नम कर देते थे। अपनी खूबसूरती से दिल जीत लेने वाली मीना कुमारी ने साहिब बीवी और गुलाम, पाकीज़ा, मेरे अपने, बैजू बावरा जैसी कई हिट फिल्में दीं। इन फिल्मों को आज भी मीना कुमारी की अदाकारी के लिए याद किया जाता है। लेकिन मीना कुमारी पर्दे पर जितनी खूबसूरत नजर आती थीं उनकी जिंदगी उतनी खूबसूरत नहीं थीं।

आज हम आपको मीना कुमारी की जिंदगी का एक अनसुना किस्सा बातएंगे, जिससे आप आज तक अनजान होंगे। ये बात उन दिनों कि हैं जब हर जुबान पर उनके चर्चे थे। लेकिन बावजूद इसके भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री उन्हें पहचान नहीं पाए। दरअसल मुंबई के एक स्टूडियो में शास्त्री जी को 'पाकीजा' फिल्म की शूटिंग देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से यहां आने का इतना दबाव था कि शास्त्री जी उन्हें ना नहीं कह पाए और स्टूडियो पहुंच गए।

इस बात का जिक्र कुलदीप नैयर ने अपनी किताब 'On Leaders and Icons: From Jinnah to Modi' में किया है। उन्होंने लिखा है- 'उस वक्त वहां कई बड़े सितारे मौजूद थे। मीना कुमारी ने जैसे ही लाल बहादुर शास्त्री को माला पहनाई। शास्त्री जी ने बड़ी ही विनम्रता से मुझसे पूछा- यह महिला कौन है। मैंने हैरानी जताते हुए उनसे कहा- मीना कुमारी। शास्त्री ने अपनी अज्ञानता व्यक्त की। फिर भी मैंने उनसे सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार करने की अपेक्षा कभी नहीं की थी।'

नैयर ने आगे लिखा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि शास्त्री जी यह बात पब्लिक में पूछेंगे। हालांकि मैं शास्त्री जी के इस भोलेपन और ईमानदारी से बेहद प्रभावित हुआ था। बाद में लाल बहादुर शास्त्री ने अपनी स्पीच में मीना कुमारी को संबोधित करते हुए कहा था- मीना कुमारी जी...मुझे माफ करना मैंने आपका नाम पहली दफा सुना है।' हिंदी सिनेमा की खूबसूरत अभिनेत्री जो उस वक्त देश के लाखों दिलों की धड़कन थी। पहली पंक्ति में स्थिर बैठी थी और शर्मिंदगी का भाव उनके चेहरे पर था।

कहा जाता है कि धर्मेंद्र को इंडस्ट्री में खड़ा करने का श्रेय मीना को ही जाता है। दोनों का रिश्ता तीन साल तक चला इसके बाद दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए, लेकिन बताया जाता है कि धर्मेंद्र से अलग होने के बाद मीना खुद को अकेला महसूस करने लगी थीं। अपने अकेलेपन के गम को दूर करने के लिए उन्होंने शराब पीना शुरू कर दिया था। वो दिन रात नशे में डूबी रहती थीं। वह रातभर सोती नहीं थीं। इस वजह से उन्हें लिवर सिरोसिस बीमारी हो गई थी। ज्यादा बीमार रहने से उनकी हालत बद से बदतर हो गई थी और उन्होंने महज 39 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। 31 मार्च, 1972 को उनका निधन हो गया था।

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