कोरोना वायरस का संक्रमण देश और दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। आपके पड़ोस में कौन कोरोना से संक्रमित है, आपके घर में संक्रमण फैलने की कितनी संभावना है, खुद को सुरक्षित कैसे रखा जाए, ऐसे कई सवाल, डर और कई तरह की आशंकाएं हमारे दिमाग में चलती रहती हैं। हो सकता है इन सब सवालों के बारे में आपको पता न हो। ऐसे में भय का माहौल होना तो लाजिमी है। लेकिन डरने की बजाय हमें बस इन सबके बारे में सही जानकारी रखनी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन तक इसी बात पर जोर देता है कि कोरोना से डरने की बजाय एहतियात यानी सावधानी बरतने की जरूरत है। इस महामारी के दौर में खुद को सुरक्षित रखने के लिए बहुत सारे सुझाव और सलाह दिए जा रहे हैं, लेकिन आपको सही सलाहों पर अमल करने की जरूरत है।
कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें? केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस से बचने का सबसे बेसिक तरीका है, साफ-सफाई का ध्यान रखना। अपने हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोते रहें या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग करें। अपना चेहरा छूने से बचें। खासकर आंख, नाक और मुंह पर हाथ न लगाएं। हो सकता है, आपने वायरस की मौजूदगी वाली सतह पर हाथ लगाया हो, तो ऐसे में नाक, मुंह वगैरह छूने से वायरस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
कैसे पता करें कि हमें कोरोना संक्रमण है या नहीं? कोरोना वायरस बहरूपिया के तौर पर सामने आया है यानी इसके नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण का प्रमुख लक्षण सिर दर्द, बुखार और सूखी खांसी है। इसके अलावा गले में खराश और डायरिया भी इसके लक्षण हैं। वहीं पिछले दिनों इसके लक्षणों में स्वाद और गंध महसूस नहीं होना भी पाए गए हैं। अगर आपको इसके शुरुआती लक्षण दिखें, तो आपको सावधान होने की जरूरत है।
अगर लक्षण नजर आए तो क्या करें? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अगर आपमें शुरुआती लक्षण दिखें तो आप खुद को सबसे अलग यानी कि सेल्फ आइसोलेट कर लें। दूसरों के संपर्क में आने से बचें। अगर आपको बुखार के साथ लगातार सूखी खांसी हो रही है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेने की जरूरत है। बहुत घबराने की बात नहीं है, क्योंकि कोरोना के लक्षण वायरल फ्लू से भी मिलते हैं। हो सकता है आपको कोरोना न हो। सांस लेने में तकलीफ शुरु हो, तो गंभीर होने की जरूरत है। आप केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 पर संपर्क कर सकते हैं। या फिर 9013151515 पर व्हॉट्सएप सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
इस वायरस को फैलने से कैसे रोका जाए? छींकते-खांसते वक्त मुंह पर टिश्यू या रूमाल रखें। ना होने पर हाथों से ओट बनाकर ऐसा करें। इस्तेमाल की गई टिश्यू को तुरंत डिस्पोज कर दें। रूमाल को तुरंत साबुन से धो लें। सोशल डिस्टेंसिंग या यूं कहा जाए कि फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करें। जरूरी न हो तो घर के बाहर न निकलें। निकलें तो मास्क का इस्तेमाल करें। हाथ मिलाने की आदत आप छोड़ ही चुके होंगे। ऐसा कर आप वायरस संक्रमण पर लगाम लगाने में मदद कर सकते हैं।
कोरोना संक्रमण से मौत होने की कितनी संभावना है, यह वायरस कितना खतरनाक है? सामान्य फ्लू से होने वाली मृत्यु दर करीब 0.56 फीसदी है, जबकि प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लांसेट में प्रकाशित शोध के मुताबिक कोरोना से होने वाली मौत की दर इससे सामान्य फ्लू की तुलना में 0.1 फीसदी ज्यादा यानी 0.66 फीसदी है। यह आंकड़ा थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है। आईसीएमआर के मुताबिक भारत में कोरोना संक्रमण के बाद ठीक होने वाली मरीजों का आंकड़ा करीब 20 फीसदी है। इसलिए कोरोना संक्रमण का मतलब मौत नहीं है। समय पर इसके लक्षणों का इलाज शुरू होने पर बहुत सारे मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं, कुछ मरीजों को 2-3 हफ्ते तो कुछ को पांच हफ्ते से ज्यादा का समय भी लग सकता है।
क्या इसका कोई निश्चित इलाज संभव हो पाएगा? कोरोना वायरस की कोई खास दवा तैयार नहीं की जा सकी है। जनसाधारण के लिए फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है। हालांकि दवा और वैक्सीन तैयार करने को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक लगे हुए हैं और जल्दी ही सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। कोरोना संक्रमण के लिए पहले से उपलब्ध कुछ विशेष दवाओं का प्रयोग आईसीएमआर के वैज्ञानिकों की सलाह से किया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी दुनिया के वैज्ञानिक वैक्सीन बना रहे हैं, लेकिन अभी इनके ट्रायल और पर्यवेक्षण के बाद ही कहीं जाकर कुछ स्पष्ट हो सकेगा और इसमें वक्त लगेगा।
कोरोना संक्रमण के दौर में तनाव से कैसे दूर रहें? कोरोना संक्रमण के बीच लोगों के मानसिक तनाव का शिकार होन की संभावना रहती है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपको भी तनाव महसूस हो रहा है तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। नेशनल हेल्थ सर्विस, ब्रिटेन के मुताबिक, आपको अपने दोस्तों और परिजनों के साथ वीडियो कॉल पर बातें करनी चाहिए, ताकि उनसे भावनात्मक जुड़ाव महसू कर सकें। खानपान का ध्यान रखें, पूरी नींद लें, नियमित व्यायाम करें और खुद को व्यस्त रखें। कोरोना के बारे में फेसबुक, व्हॉट्सएप पर चल रही अफवाहों से दूर रहें। वर्तमान में जिएं और भरोसा रखें कि यह समय भी गुजर जाएगा।