गांव में आकर पसंद नहीं चने का नास्ता

अरवल : घर से मीलों दूर रोजी रोटी के गए थे। लॉकडाउन में 40 दिनों से अधिक वक्त गुजारना पड़ा। अब गांव लौटकर आए तो पसंद नहीं आ रहा सुबह चने का नास्ता। हम बात कर रहे क्वारंटइन सेंटर की। दूर देश से लौट आए लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 21 दिनों तक परिवार से दूर क्वारंटान सेंटर में रहना पड़ रहा है। दरअसल सेंटर में बाहर से आए लोगों को सुबह के नास्ता में अंकुरित चना देने की व्यवस्था लोगों को पसंद नहीं आ रहा है।

प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय में क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। यहां 14 प्रवासी ठहराए गए हैं। लोगों की शिकायत है कि घर से थोड़ी दूरी पर रात गुजारना खल रहा है। खाने-पीने तथा रहने सहने का व्यवस्था ठीक है लेकिन घर से दूर रहना पड़ रहा है।
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समय -सुबह 8.00 बजे। क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासियों को नास्ते का समय हो गया है। अंकुरित चना दिया जा रहा है। चना देखते ही लोग होठ बिचकाने लगते हैं। भौंह टेढ़ी हो जाती है। प्रवासियों का कहना था कि इससे अच्छा था कि हमलोग होम क्वारंटाइन में रहते। घर में कम से कम मनपसंद नास्ता और खाना मिलता। परिवार के लोगों से इतने पास आकर नहीं मिलना काफी खल रहा है। सेंटर में ट्रक चालक भी रखे गए हैं। वे कहते हैं- ट्रक चलाते थे। ट्रक लेकर अपना घर हाजीपुर जा रहे थे। किजर थाने की पुलिस पकड़कर यहां लाया गया है। यहां तैनात कर्मी लोगों को समझा रहे थे कि 14 दिन की ही तो बात है । कोरोना से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाया गया है। इसमें परिवार के लोगों के साथ-साथ समाज का हित निहित है।
समय - 9.00 बजे। परिसर के चापाकल पर बारी-बारी से प्रवासियों ने स्नान के लिए भेजा जा रहा है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि शारीरिक दूरी बनाकर ही चापाकल से पानी भरें। बाल्टी को धोएं और अपना-अपना साबुन इस्तेमाल करें। समय बीतते गया और लोग नहाकर तैयार हो गए।
समय -12:30 बजे। प्रवासियों के लिए भोजन का समय हो गया है। खाना परोसने के पहले एक कर्मचारी सैनिटाइजर का छिड़काव करता है। थाली दूर-दूर लगाया गया। चावल, दाल तथा आलू-परवल की सब्जी परोसा गया। सभी प्रवासी थाली उठाने के पहले साबुन से हाथ धोते हैं। खाने के बाद फिर सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया । सभी लोगों को हाथ धोने के लिए अलग - अलग साबुन और सैनिटाइजर दिया गया है ताकि एक-दूसरे के संपर्क में नहीं आएं। समय - 1.30 बजे। एक प्रवासी के मोबाइल की घंटी बजती है। फोन पर बात करते ही भावुक हो गया। फोन कटने के बाद बताया कि पत्नी हालचाल पूछ रही थी। पूछ रह थी क्या खाना मिला। घर के लोग चिंतित हैं। देखिए कब तक घर जाते हैं।
Posted By: Jagran
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