वज्रपात से टूट गई शैलेंद्र की बूढ़ापे की लाठी

जहानाबाद : मखदुमपुर थाना क्षेत्र के नेवारी गांव में मंगलवार को सवेरे वज्रपात के कारण अनुज कुमार की मौत क्या हुई कि उसके पिता शैलेंद्र राम की बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। अनुज ही उसके बूढ़ापे का सहारा था जिसके बदौलत उसे दो जून की रोटी मिल पाती थी। जैसे ही उसके दरवाजे पर बेटे का शव आया उसने अपना सुध भी खो बैठा। जिस समय घर के बाहर उसकी मौत हुई थी उस समय बारिश होने के कारण उसका वृद्ध पिता घर में छिपा हुआ था। एकाएक गांव में कोहराम मच गया। गांव के लोग बारिश में ही उसके घर के आगे दौड़ पड़े। उस समय तक उसे अपने बेटे की मौत की जानकारी नहीं मिल पाई थी। जब आसपास के लोगों को शोरगुल करते उस ओर दौड़ते देखा तो पूछा कि का हो गेलै बाबू..।उसे जानकारी मिली कि उसका लाल ही दुनिया से चला गया। फिर क्या था रोते पीटते वह भी उस ओर चल दिया। शैलेंद्र के तीन बेटों में अनुज सबसे छोटा था। सबसे बड़ा बेटा चुन्नु तथा मंझला बेटा छोटू मुंबई में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है। चुन्नु का परिवार भी साथ में ही रहता है। हालांकि अनुज भी मुंबई में ही रहता था। लेकिन होली में जो घर आया था फिर वापस नहीं लौटा था। गांव के लोगों के अनुसार अनुज ही अपने मां-बाप का भरण पोषण करता था। कारण यह है कि सिर्फ उसकी पत्नी ही घर में रहती थी बाकी दोनो भाईयों का परिवार अक्सर मुंबई में ही रहा करता था। मुंबई से घर आने के बाद भी वह प्रतिदिन मजदूरी कर अपनी पत्नी तथा बाल-बच्चों के साथ ही माता-पिता का भरण पोषण करता था। हालांकि उसके दोनो भाईयों को मंगलवार को ही मुंबई से चलना था लेकिन गाड़ी पर जगह नहीं मिल पाने के कारण वह वहां से नहीं चल पड़ा। अनुज की तीन छोटी-छोटी बेटी है। उसके भरण पोषण का भार भी बेबा पर ही आ पड़ी है। उसके शव से लिपटकर वह बार-बार दहाड़ मार रही थी। आसपास की महिलाएं उसे संभालने में लगी हुई थी। पड़ोस के चाचा देवनाथ प्रसाद ने बताया कि अनुज को एक इंच भी जमीन नहीं था। वह काफी मेहनती था। चाहे मुंबई में रहे या घर पर मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। हालांकि अब उसके स्वजनों को कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि के अलावा कोई सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है। प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि तकनीकी कारणों से आज पारिवारिक लाभ योजना और आपदा प्रबंधन के तहत दी जाने वाली सहायता राशि नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि उसका आधार कार्ड जहानाबाद प्रखंड का बना हुआ था। बीडीओ ने बताया कि बुधवार को उसके स्वजनों को सारे मुआवजे दे दिए जाएंगे। अनुज की मौत के कारण नेवारी गांव के उस टोले पर मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। उस टोले पर रहने वाले हर लोगों को उसके खोने का गम सता रहा है।

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Posted By: Jagran
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