फसल सहायता योजना के 476 आवेदनों की नहीं हुई जांच

खरीफ फसल के लिए जिले के 13,138 किसानों ने दिया आवेदन, 12,662 आवेदनों की हुई जांच संवाद सहयोगी, लखीसराय : अतिवृष्टि, अनावृष्टि अथवा अन्य किसी कारण से फसल की क्षति होने वाले किसानों को राज्य सरकार ने फसल सहायता योजना के तहत सहायता करने की व्यवस्था की है। इसके तहत किसानों को क्षति होने वाली फसल के अनुसार प्रति हेक्टेयर अधिकतम बीस हजार रुपये एवं न्यूनतम 7,500 रुपये सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। किसानों से आनलाइन आवेदन लेकर जांच की जिम्मेदारी सहकारिता विभाग को सौंपी गई है। अतिवृष्टि एवं अनावृष्टि के कारण खरीफ फसल नष्ट होने वाले जिले के 13,138 किसानों द्वारा फसल सहायता योजना का लाभ पाने के लिए सहकारिता विभाग में आनलाइन आवेदन किया गया है। जिसमें 3,299 रैयती एवं 9,839 गैर रैयती किसान शामिल हैं। इसमें से 12,662 आवेदन की जांच कर विभाग को रिपोर्ट दी गई है। शेष 476 आवेदन की जांच लंबित है। आवेदन की जांच नहीं होने की स्थिति में संबंधित किसान लाभ से वंचित रह जाएंगे।

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फसल सहायता योजना के आवेदनों की जांच की प्रक्रिया फसल सहायता योजना के लिए किसानों से प्राप्त आनलाइन आवेदन को जिला सहकारिता कार्यालय से संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाता है। प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा कृषि समन्वयक, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी एवं सहकारिता विभाग की टीम से आवेदनों की जांच कराई जाती है। टीम द्वारा किसानवार फसल क्षति का निर्धारण कर रिपोर्ट संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाती है। इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा रिपोर्ट जिला सहकारिता पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाती है। जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा रिपोर्ट को पटना स्थित सहकारिता विभाग का प्रधान कार्यालय भेजा जाता है। सहकारिता विभाग के प्रधान कार्यालय से किसानों के बैक खाता में फसल क्षति की राशि भेजी जाती है। किसानों को फसल क्षति की मिलने वाली राशि की जानकारी जिला सहकारिता कार्यालय को नहीं मिल पाती है।
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कोट
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खरीफ फसल की क्षति होने को लेकर ही जिले के 13,138 किसानों ने फसल सहायता राशि के लिए आनलाइन आवेदन किया। सभी आवेदनों को जांच के लिए संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध करा दिया गया। 476 आवेदन की जांच लंबित है। संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को बार-बार पत्र देने के बाद भी लंबित आवेदनों की जांच नहीं कराई गई है।
- मनोज शर्मा, जिला सहकारिता पदाधिकारी, लखीसराय
Posted By: Jagran
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