कुदरा पीएचसी में एक माह से नहीं है एंटी रैबीज वैक्सीन

दुनिया भर में कोविड-19 का टीका खोजा जा रहा है, लेकिन जिन बीमारियों के टीका मौजूद हैं वे अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हैं। कैमूर जिले के कुदरा पीएचसी में इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। अस्पताल में पिछले एक माह से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग उदासीन बना हुआ है। यह दवा उपलब्ध नहीं होने के चलते ग्रामीणों को कुत्ता काटने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लॉक डाउन के माहौल में उनकी परेशानियां और अधिक बढ़ गई हैं। इस संबंध में कुदरा के अखबार विक्रेता मनोज सेठ ने बताया कि गुरुवार को सुबह में बाजार में अखबार बांटते वक्त एक आवारा कुत्ते ने उन्हें काट दिया। जब वे कुदरा पीएचसी में इलाज के लिए गए तो उन्हें मात्र टिटनेस का इंजेक्शन दिया गया। कुत्ता काटने पर रैबीज से बचाव के लिए एंटी रैबीज वैक्सीन का इंजेक्शन अनिवार्य होता है। लेकिन चिकित्सक ने बाजार से खरीदने की सलाह देते हुए कहा कि अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। जब उनसे इसके लिए भभुआ सदर अस्पताल में रेफर करने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने कहा कि जब पीएचसी में नहीं है तो वहां भी नहीं होगा। इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें यहां आम रही हैं। प्रखंड मुख्यालय व बड़ा बाजार होने के चलते आए दिन कुदरा में आवारा कुत्तों के द्वारा लोगों के काटे जाने की घटनाएं होती रहती हैं। अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं होने के चलते अनेक लोग समुचित इलाज से वंचित रह जा रहे हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक रूपक कुमार ने बताया कि चार मार्च से कुदरा पीएचसी में एंटी रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक समाप्त है। इसकी मांग की गई है लेकिन अभी यह उपलब्ध नहीं हो पाया है।

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Posted By: Jagran
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