पीयू में बिना मान्यता चल रही है एमबीए व एलएलएम के पाठ्यक्रम

पूर्णिया। पूíणया विश्वविद्यालय में चल रहे कुछ पाठ्यक्रमों पर छात्र जदयू ने सवाल उठाया है। छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष राजू कुमार मंडल ने कहा है कि 18 मार्च 2018 को सीमांचल की वर्षों पुरानी मांग पर वर्तमान बिहार सरकार ने पूर्णिया प्रमंडल मुख्यालय में पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना की। विवि की स्थापना से यह उम्मीद जगी की पूíणया प्रमंडल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नए आयाम को प्राप्त करेगा और आíथक/ सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास में विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।लेकिन विवि की कार्यप्रणाली से अब सवाल उठने लगा है। विश्वविद्यालय बिना मान्यता लिए पीएचडी, एमबीए एवं एलएलएम जैसे प्रमुख पाठ्यक्रमों का संचालन कर रही है। इस तरह के पाठ्यक्रमों का संचालन कर पूर्णिया कॉलेज की आधारभूत संरचना पर दवाब बढ़ रहा है 7 राजभवन ने अपने पत्रांक दिनांक 19 जुलाई 2019 के द्वारा पूर्णिया विश्वविद्यालय के पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय ने पीएचडी पाठ्यक्रम को शुरू किया, जो पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा है कि किसी भी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को प्रबंधन के पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने से पूर्व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त करनी होती है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर शैक्षणिक सत्रों के अनुसार जानकारी उपलब्ध होती है कि संपूर्ण भारत में किस संस्था को कौन-कौन से पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति है।

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बिहार के सिर्फ 24 संस्थानों को ही प्रबंधन पाठ्यक्रम संचालन करने की है अनुमति
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की वेबसाइट के अनुसार बिहार के केवल 24 संस्थानों को ही प्रबंधन में पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति सत्र 2019-20 के लिए प्राप्त है। पूर्णिया प्रमंडल में केवल एक संस्था मिलिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रामबाग को सत्र 2019-20 में प्रबंधन का पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्राप्त है। किसी भी पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के लिए आधारभूत संरचना, नियामक एवं प्राधिकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। लेकिन यहां मनमाने तरीके से कार्य करने के लिए ही विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था सीनेट की पूर्ण स्थापना नहीं होने दे रहे हैं।
छात्रों के भविष्य को संवारने की मांग
नियमानुसार किसी भी नए पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के लिए सीनेट से अनुमोदन, विभिन्न नियामकों की मंजूरी आदि आवश्यक शर्त है। इस तरह बिना अनुमति पाठ्यक्रमों का संचालन निश्चित रूप से पूर्णिया प्रमंडल के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस पर तत्काल रोक लगाते हुए इसके लिए न्यायोचित तरीका अपनाया जाए। ताकि छात्रों का भविष्य संवर सके।
Posted By: Jagran
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