कुख्यात शमशेर ने उगले कई राज, होगा कई कांडों का पर्दाफाश

खगड़िया। चार जिलों की पुलिस की नजरों में मोस्ट वांटेड शमशेर मुखिया की गिरफ्तारी से कई हत्याकांडों समेत लूट की वारदातों पर से पर्दा उठने की संभावना तेज हो गई है। सदर एसडीपीओ आलोक रंजन के नेतृत्व में अलौली थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह व जिला पुलिस एवं एसटीएफ के सहयोग से उसे गंगौर ओपी अंतर्गत नक्सल प्रभावित कौनिया से पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने कबूल किया कि माकपा नेता व पूर्व मुखिया जगदीशचंद्र बसु की हत्या की सुपारी कोकराहा के विद्यानंद यादव व अरुण यादव ने पांच लाख में दी थी। कबूल किया कि उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ दिनदहाड़े माकपा नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके अलावा भी उसने कई हत्याकांड समेत लूट कांडों का खुलासा किया है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे पूछताछ बाद कई कांडों से पर्दा उठने की संभावना बढ़ गई है। शिक्षक श्यामसुंदर मुखिया, जगदीश सदा समेत आधे दर्जन की गोली मारकर हत्या में खगड़िया के बलुआही, चुकती, बछौता समेत सहरसा के सुखासन, समस्तीपुर के विथान व अन्य क्षेत्रों के अपराधी के साथ उसने घटना को अंजाम दिया था।

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दरभंगा, बेगूसराय, समस्तीपुर और सहरसा की पुलिस भी ले सकती है रिमांड पर
इधर, दरभंगा, बेगूसराय, समस्तीपुर, सहरसा की पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ को लेकर सक्रिय हो गई है। इससे पहले गिरोह के अजय मुखिया व समस्तीपुर के मु. राशिद को एसटीएफ और जिला पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के अनुसार दोनों ने घनश्यामपुर थानाध्यक्ष के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में कबूल किया कि दिसंबर में मोरकाही के मुखिया लालो यादव की हत्या में कौन शामिल था और उस क्षेत्र में कई हत्या किसके इशारे पर की जाती रही है। उसने बखरी में फाइनेंस कंपनी से 5.5 लाख की लूट व गोली मारने की बात भी कबूल किया है। जगदीश सदा की हत्या समेत कई कांडों को लेकर पुलिस को बड़ा सुराग हाथ लगा है। मालूम हो कि गिरोह के प्रमुख व समस्तीपुर के कुख्यात भगवान दास समेत कई अभी खगड़िया जेल में बंद है। एसपी मीनू कुमारी द्वारा गठित एसआइटी ने लगातार प्रयास कर गिरोह के सदस्यों को दबोचने में सफलता प्राप्त की। बहरहाल, गिरोह को अब तक संरक्षण देने वालों की तलाश में पुलिस है। पुलिस का मानना है कि अपराधी को संरक्षण देने वाला भी तो अपराधी है। कोट
गिरोह के अधिकांश सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पूछताछ में कई कांडों से पर्दा उठने की संभावना है। गिरोह को संरक्षण देने वालों की टोह ली जा रही है।
आलोक रंजन, सदर एसडीपीओ, खगड़िया

Posted By: Jagran
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