विम्स पावापुरी में कारोना जांच शुरू

गिरियक : व‌र्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी में अब ट्रू-नेट मशीन के जरिए वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की जांच शुरू हो गई। शुक्रवार को पावापुरी मेडिकल कॉलेज में ट्रू नेट कोरोना जांच मशीन का उद्घाटन विम्स के प्राचार्य डॉ पीके चौधरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ ज्ञानभूषण एवं नोडल अधिकारी डॉ अमित कुमार आनंद ने फीता काटकर एवं विधिवत पूजा अर्चना कर किया ।

इस ट्रू नेट जांच मशीन से करीब 1 घंटे में कोरोना का जांच रिपोर्ट मिल जाएगा। पहले इसके लिए 2-3 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ता था जो अब नहीं करना पड़ेगा । इस मशीन से एक बार में 2 संदिग्ध व्यक्तियों का सैंपल टेस्ट किया जाएगा । प्रतिदिन दिन करीब 20 से 25 संदिग्ध व्यक्तियों की सैंपल की जांच की जाएगी। आईसीएमआर के ट्रायल के बाद मापदंडों पर खरा उतरने के बाद इसे मंजूरी दे दी है । कोविड-19 जांच मशीन आने के बाद अब नालन्दा जिले के विभिन्न प्रखंडों के क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे कोरोना संदिग्धों एवं विम्स अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों की जांच के नमूने अब राजधानी पटना नहीं भेजने पड़ेंगे। इससे समय की बचत के साथ ही राजधानी पटना के पैथोलॉजी सेंटरों पर सैंपलों का भार कम होगा। बिहार में कोरोना जांच करने वाला विम्स आठवा हॉस्पिटल होगा।
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विम्स के प्राचार्य डॉ पीके चौधरी ने बताया कि विम्स के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के लैब में करोना संक्रमण जांच के लिए मशीन का उद्घाटन किया गया । उन्होंने बताया कि ट्रू नेट कोरोना जांच मशीन में वीटीएम कार्ड स्पेशल एवं चिप अलग से है। यह पुराने भीटीएम कार्ड के सहारे इसमें काम नहीं होंगे । उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 20 से 25 सैंपल की जांच हो सकेगी। आवश्यकता पडऩे पर इसकी क्षमता को बढ़ाया जाएगा। जिले में इस मशीन की स्थापना से मात्र 1 घंटे मे रिपोर्ट भी आ जाएगी। रिजल्ट जल्द पता चलने पर संक्रमण से बचाव होगा । उन्होंने बताया कि फिलहाल शिफ्ट वाइज 6 लैब टेक्नीशियन काम करेंगे जिनका प्रशिक्षण चल रहा है ।
इस मशीन के जरिए कोविड-19 के अलावा शरश-1 स्वाइन फ्लू सारश-2 जैसे बीमारियों का जांच कर पता लगाया जा सकता है । उन्होंने बताया कि यह मशीन पूरे बिहार प्रदेश में पहली बार किसी जिले के स्वास्थ केंद्र में लगाया गया है । फिलहाल बिहारके अन्य जगहों में दूसरे टेक्नोलॉजी द्वारा कोरोना टेस्ट किया जा रहा है । इस जांच मशीन से संदिग्ध कोरोना संक्रमण मरीज का केवल नोज और थ्रोट(नाक और गला) से स्लम स्टिक से लेकर जांच की जाएगी। इस जांच का पहला केवल प्रोविजनल स्क्रीनिग टेस्ट होगा। जिससे पता चल पाएगा कि संदिग्ध कोरोना संक्रमण मरीज प्रभावित है कि नही। अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि विम्स अस्पताल में फिलहाल 250 आइसोलेशन बेड एवं 11 वेंटिलेटर उपलब्ध है ।
उन्होंने बताया कि अस्पताल सहित जिले के अन्य प्रखंडों में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे संदिग्ध व्यक्ति का सैंपल लिया जाएगा। रिपोर्ट आने तक गहन निगरानी में रखा जाएगा। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो मरीज को तुरंत क्वारंटाइन से हटाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा।
इस अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ अरविद कुमार, डॉ राजीव रंजन, डॉ मनीष कुमार सिन्हा, डॉ प्रीति रंजना, टेक्नीशियन बिक्की कुमार एवं मनोहर कुमार सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे। 1 घंटे में रिजल्ट आने के फायदे
1 घंटे में रिजल्ट आने से संक्रमण के फैलाव का खतरा कम होगा । मरीज निगरानी मैं रहेगा । रिजल्ट आने के बाद तुरंत मरीज का इलाज शुरू हो जाएगा । खासकर गर्भवती महिलाओं एवं सर्जरी के जरूरत मरीजों को जल्द रिपोर्ट आने से डॉक्टर भी भय पूर्वक उनका चिकित्सा करेंगे
Posted By: Jagran
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