बगैर जांच के जा रहे हैं प्रवासी अपने घर

प्रखंड क्षेत्र में लॉकडाउन के बीच सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिये स्पेशल ट्रेन, बस की व्यवस्था की है। लेकिन मजदूर अभी भी अन्य अवैध माध्यमों के जरिये अन्य राज्यों से आ रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ये घातक हो सकता है।मुंबई, चेन्नई, गुजरात, अहमदाबाद, दिल्ली जैसे शहरों से ट्रकों व अन्य वाहनों के सुविधाओं से जगहों से रजौली चले आ रहे हैं। जिन्हें रजौली के सड़कों पर चलता हुआ देखा जा सकता है। ये मजदूर बिना जांच के अपने गांव जा रहे हैं, जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। पलायन के चलते ऑरेंज जोन में शामिल नवादा में भी संक्रमण फैलने लगा है। अब तक हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों की ओर आ रहे हैं। यही नहीं अनुमंडलीय अस्पताल के समीप स्वास्थ्य विभाग का कोई भी व्यक्ति सुबह में मौजूद नहीं रहता है, जो इनकी स्क्रीनिग करे या जांच करे। ऐसे में ये बिना जांच के बिना डेटा इंट्री के इन मजदूरों को घर जाना पड़ता है। रजौली में क्वारंटाइन सेंटर में कुल 561 प्रवासी मजदूरों को जांच-पड़ताल के बाद रखा है। जिसमें चिरैला कोरंटाइन सेंटर में 186, इंटर रजौली रजौली में 115, मध्य विद्यालय रजौली में 56, मध्य विद्यालय करिगांव में 85, मथुरासनी महाविद्यालय में 97 प्रवासी मजदूरों को जांच के बाद रखा गया है। जबकि पूरे प्रखंड में अब तक दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूर 10 से 12 हजार की संख्या में पहुंचे होंगे। जो समझदार व तेज तर्रार हैं वे घरों से दूर अपने खेत खलिहानों में रह रहे हैं।जो बगैर जांच के अपने घरों में रह रहे हैं उनसे गांव में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। गांव के लोगों को का कहना है कि प्रशासन को सूचना देने के बाद भी गांव में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों को जांच के लिए नहीं लिया जा रहा है। वहीं कई प्रवासी मजदूरों का कहना है कि यहां वहां भटकने के बाद भी जांच नहीं होती है। तब थकहार अपने घर चले जाते हैं। हालांकि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए डीएम ने सभी प्रखंड के मुखिया, बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि आने वाले प्रवासी मजदूरों को अपने-अपने पंचायतों के विद्यालयों में 14 दिन रख कर सभी प्रवासी मजदूर का एंट्री कर बैंक अकाउंट नंबर ले लें जिससे सेंटरों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को भी सरकारी लाभ मिलेगी।अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया कि पंचायत लेवल पर भी क्वारंटाइन सेंटर निर्माण कराएं, जहां पर मुखिया के द्वारा पंचम वित्त के राशि से साबुन व सैनिटाइजर मास्क दिए जाने का निर्देश दिए गए हैं।

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Posted By: Jagran
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