प्रवासियों को घुमाते रहे इस क्वारंटाइन से उस क्वारंटाइन सेंटर

खगड़िया। प्रशासन के तमाम दावे परबत्ता में दम तोड़ता नजर आ रहा है। प्रवासियों का ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। सूत्रों के अनुसार स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी केवल कागजी खानापूर्ति में लगे हुए हैं। अभी तक परबत्ता प्रखंड कोरोना की चपेट में नहीं आया है, लेकिन यहां के अधिकारी जिस तरह से लापरवाही बरत रहे हैं उसमें कुछ भी कहना मुश्किल हैं। कई क्वारंटाइन सेंटरों पर क्षमता से अधिक प्रवासी रह रहे हैं और प्रवासियों का आना जारी है।

आलम यह है कि शुक्रवार को पहुंचे करीब एक दर्जन प्रवासियों के ठहरने की व्यवस्था शनिवार शाम तक नहीं हुई थी। प्रवासियों ने बताया कि वे लोग शुक्रवार को पहुंचे। इसके बाद एक गाड़ी से भरतखंड के क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। लेकिन वहां रखने से इंकार कर दिया गया। फिर बुद्धनगर स्थित क्वारंटाइन सेंटर लाया गया, लेकिन यहां भी नहीं रखा गया। प्रवासियों के अनुसार

आखिरकार थक- हारकर हम सभी घर चले गए। अपने घर पर ही लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे थे, तभी शनिवार को परबत्ता बीडीओ के द्वारा गाड़ी भेजकर हमलोगों को मंगवा लिया गया। सुबह से ही परबत्ता अस्पताल में यहां-वहां भटकने को विवश हैं। न बैठने की व्यवस्था है और न ही पीने को पानी मिल रहा है।
शनिवार को रामपुर उर्फ रहीमपुर पंचायत के करीब एक दर्जन प्रवासी तेलंगाना से आए। एक प्रवासी ने बताया कि सुबह आठ बजे से हमलोगों को एक वाहन से कभी इस केंद्र पर तो कभी उस केंद्र पर ले जाया जा रहा है। लेकिन अब तक कहीं भी नहीं रखा गया है। दो बजे दोपहर में परबत्ता सीएचसी पर छोड़ दिया गया। यहां कोई झांकने तक नहीं आ रहे हैं। इस संबंध में परबत्ता सीओ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि सभी प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। कोई समस्या नहीं है।

Posted By: Jagran
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