पहाड़ की खोदाई में मिली अष्टभूजा दुर्गा की मूíत

जागरण संवाददाता़ शेखपुरा

रविवार को सदर प्रखंड के पचना गांव में पहाड़ की खोदाई के दौरान काले पत्थर की अष्टभूजा दुर्गा की मूíत मिली है। इसके साथ एक और मूíत मिली है। ग्रामीण पहाड़ पर स्थिति पुराने पहाड़ी बाबा (शिव) के मंदिर के पुर्निनर्माण के लिए खोदाई कर रहे थे। रविवार की सुबह लोग लगभग साढ़े चार फीट खोदाई किए थे तभी ये दोनों मूíतयां मिली। यहां के ग्रामीण तथा सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कुमार प्रियदर्शी ने बताया पहाड़ पर जसई स्थान पर खोदाई की जा रही थाई वहां पहले से विशाल चक्की है। लोगों का मानना है यह विशाल चक्की महाभारत काल का है। अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने पचना पहाड़ पर यश चक्की स्थापित की थी। रविवार को जो मूíत मिली है वह लगभग दो फीट ऊंची है। मूíत मिलने के बाद ग्रामीणों ने खोदाई का काम बंद कर दिया है। दुर्गा की मूíत को ग्रामीण पहाड़ी बाबा के मंदिर में रख दिया है। ग्रामीण इस मूíत की पूजा-पाठ शुरू कर दिया है। यहां उल्लेख करना जरूरी है शुक्रवार को सदर प्रखंड के ही ढेवसा में भगवान विष्णु और अब पचना में देवी दुर्गा की मूíत मिलने की दो घटना के बाद भी जिला प्रशासन कोई संज्ञान नहीं लिया है। इधर क्षेत्र के इतिहास के जानकार प्रो लालमणि विक्रांत ने बताया यह मूíत लगभग 12 सौ साल पुरानी हो सकती है। यह समूचा क्षेत्र पालवंश के शासन में था। पालवंश के काल 750 ईस्वी से 1174 ईस्वी तक धर्म की काफी प्रधानता थी। उस समय संथाल तथा कैमूर के पहाड़ों की काले पत्थरों से मूíतयों का निर्माण होता था। शेखपुरा जिला के गांवों में समय-समय पर मिलने वाली मूíतयां भी इसी काले पत्थर की हो सकती है। वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से डीएवी के प्राचार्य बच्चों से रुबरु हुए जासं, शेखपुरा: कोरोनावायरस जैसे विपदा के चलते पूरे भारत में लाकडाउन की स्थिति बनी हुई है। इस परिस्थिति को देखते हुए डीएवी पब्लिक स्कूल चकंदरा, शेखपुरा के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने तीसरी बार वीडियों कान्फ्रेंसिग के माध्यम से विद्यालय के बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से बात-चीत की।
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उन्होंने सबको प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और हमेशा सत्य बोलना चाहिए। हमें अध्ययन के साथ-साथ अपने वैदिक संस्कार और व्यवहार को अच्छा बनाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हम लोग अपना पूरा समय घर में रहकर बिता रहे हैं इसलिए हमें समय का सदुपयोग सही तरीके से करना चाहिए। हमें ग्रीष्मावकास में घर में रहकर प्रतिदिन टेबल याद करना, गणित का सवाल बनाना,साइंस का न्युमेरिकल हल करना ,दो पृष्ठ हिन्दी , अंग्रेजी का सुलेख लिखना और ज्ञानबर्धक कहानियां पढ़ना चाहिए।
उन्होंने सभी अभिभावकों से आग्रह किया कि सभी लोग अपने घरों में बच्चों के साथ रहें और कोरोना वायरस जैसे विपदा से निपटने में सरकार की मदद करें।
Posted By: Jagran
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