विश्व हाइपरटेंशन दिवस : तनावमुक्त जीवनशैली है मददगार

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : कोरोनावायरस से बचाव के लिए लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है। घर में रहकर कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। बचाव के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी जरुरी है। घर में रहते हुए लोग मानसिक अवसाद का अनुभव कर रहे हैं और यह स्थिति लोगों में अनावश्यक तनाव की वृद्धि कर सकता है। ऐसे समय में उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजा़फा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश की करीब 32 फीसद से अधिक की आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है जिसमें 25 फीसद शहरी आबादी और 10 फीसद ग्रामीण आबादी हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं। हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए प्रत्येक वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के विश्व हाइपरटेंशन दिवस की थीम-“मे•ार योर ब्लडप्रेशर, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर'' रखी गई है।

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क्या है हाइपरटेंशन
इसे सामन्य भाषा में उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है। यह दो प्रकार का होता है पहला एस्सेनशिअल हाइपरटेंशन जो मूलत: अनुवांशिक, अधिक उम्र होने पर, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है। दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन जो उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिन्हित हो जाए उस स्तिथि को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं। यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
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इस तरह के लक्ष्ण दिखाई दे तो हो जाएं सावधान
हाइपरटेंशन को शुरूआती लक्ष्णों से जाना जा सकता है एवं इससे बचा भी जा सकता है
-सर में अत्यधिक दर्द रहना
-लगातार थकावट का अहसास
-सीने में दर्द होना
-सांस लेने में कठिनाई.
-²ष्टि में धुंधलापन
-पेशाब में खून आना
-गर्दन, सीने व बांहों में दर्द का लगातार बने रहना
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बोले सीएस
सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह ने बताया ़खराब जीवनशैली के कारण धीरे-धीरे किशोर एवं युवक भी इस गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं इसलिए बिगडती जीवनशैली को ठीक करना बहुत जरुरी है। आहार में ़फास्ट़फूड की जगह फलों का सेवन, सुबह जल्दी उठना एवं रात में जल्दी सोना, अवसाद एवं तनाव से बचना एवं नियमित व्यायाम से इस रोग से बचा जा सकता है। अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता की वह इससे ग्रसित हैं तथा इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं। इसे अनदेखा करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिष्कघात, लकवा, ह्रदयरोग, किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।
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ये है कारण
तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का ना लेना, चिता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थाईराइड की समस्याहाइपरटेंशन का कारण हो सकता है।
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क्या कहते हैं आंकड़ें
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण - 4 के अनुसार जिले में 0.3 प्रतिशत पुरुष गंभीर हाइपरटेंशन से ग्रसित हैं तथा 1 प्रतिशत पुरुष सामान्य हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। महिलाओं में यह प्रतिशत अधिक है तथा जिले की 0.9 प्रतिशत महिलाएं सामान्य हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं।
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बोले फिजिशियन डॉ. शहर के जानेमाने फिजिशियन डॉ श्याम नारायण प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में हाइपरटेंशन में कमी की गुंजाइश नहीं है। लॉकडाउन व कोरोना वायरस के कारण लोगों पर साइकोलॉजिकल असर पड़ रहा है। मानसिक रूप से तनाव में रहने वाले लोग बीपी के शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए सात्विक भोजन, साफ-सफाई, स्वजन के साथ समय बिताना ज्यादा फायदेमंद होता है। सबसे जरूरी है खान-पान के साथ हर दिन योगा व व्यायाम करें तथा फास्टफूड से परहेज करें।
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बोले होम्योपैथिक चिकित्सक होम्यो पैथिक चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के कारण लोग तनाव में चल रहे हैं। इस वजह से उनका हाइपरटेंशन बढ़ गया है। इससे बचने के लिए रॉबलसिया 30 व गुरुनायन 30 का एल्टरनेट सेवन करने से इसका प्रभाव कम हो जात है। इसके अलावा लोगों को हर दिन कम से कम दो से तीन किलोमीटर टहलने के साथ योगा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन के मरीज को सुबह में खाली पेट खीरा का सेवन करना चाहिए। यह शरीर में पानी की कमी को दूर करने के साथ लू से बचाता है तथा हाइपरटेंशन से भी बचाव होता है।
Posted By: Jagran
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