सुपौल। पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण रेल परियोजना के तहत सुपौल-अररिया-गलगलिया रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। 17 सौ करोड़ की लागत से इस रेलखंड पर बड़ी लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। पहले चरण में निर्माण के लिए रेलवे ने 181 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह रेल परियोजना दिल्ली से गुवाहाटी तक की दूरी कम करेगी। शुरुआती चरण में सुपौल से पिपरा के बीच निर्माण कार्य कराया जाएगा। इसको लेकर मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है और 181 करोड़ की राशि पहले चरण के निर्माण के लिए स्वीकृत की गई है। निर्माण के लिए एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है और इस रेलखंड पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सुपौल से अररिया तक 80 फीसद जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं सुपौल से पिपरा के बीच पहले ही 360 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है।
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राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना में शामिल सामरिक दूष्टिकोण से महत्वपूर्ण सुपौल-अररिया नई रेललाइन नेपाल की सीमा के समानांतर गुजरेगी। अररिया-गलगलिया रेल लाइन से जुड़ने के कारण पश्चिम बंगाल से कोसी क्षेत्र और सरायगढ़ के रास्ते मिथिलांचल का सीधे जुड़ाव हो जाएगा। सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूíणया, अररिया, मधुबनी और दरभंगा जिले की लाखों की आबादी को फायदा होगा। सुपौल- अररिया के बीच 14 नए स्टेशन बनेंगे। जिसमें थुमहा, पिपरा, त्रिवेणीगंज, लक्ष्मीपुर, जदिया, बघेली, खजूरी बाजार, मनोल पट्टी, भार्गवन, रानीगंज, बसैठी, मिर्जापुर, अररिया कोर्ट स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं। इन स्टेशन में से 8 क्रॉसिग स्टेशन तथा 6 हॉल्ट बनाए जाएंगे। इस रेल परियोजना के पूरा हो जाने के बाद न केवल लोगों का आवागमन ही सुलभ होगा बल्कि सुपौल जिला भी रेल के जाल से घिर जाएगा।
Posted By: Jagran
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