जहानाबाद : मस्तिष्क ज्वर एक घातक बीमारी है। इसे एक से 15 वर्ष के बच्चों में अधिक फैलने की संभावना रहती है। अत्यधिक गर्मी व नमी में इसका फैलाव अधिक होता है। चमकी बुखार के प्रति लोगों में जागरुकता उत्पन्न करने तथा इसकी दवा देने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी नवीन कुमार ने संबंधित पदाधिकारी एवं चिकित्सकों को ज्वर से बच्चों को बचाने के लिए प्रचार-प्रसार एवं जागरुकता कार्यक्रम चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता, एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आम आवाम को दवा के बारे में बताया जाएगा। ज्वर से बचने के लिए चमकी को धमकी का नारा दिया गया- खिलाओ, जगाओ-अस्पताल ले जाओ। बच्चों को रात में सोने से पहले खाना खिलाना जरुरी है। सुबह उठते हीं बच्चों को भी जगाएं एवं देखे कि बच्चा कहीं बेहोश अथवा चमकी तो नहीं है। बेहोशी अथवा चमकी दिखते हीं तुरंत एम्बुलेस या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर वाहन से ले जाएं। सरदर्द, तेज बुखार, अर्द्धचेतना, मरीज में पहचानने की क्षमता कम होना इत्यादि इस रोग का लक्षण है।
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बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए तेज धूप से बचाना आवश्यक है। संक्रमित बच्चों को दिन में दो बार स्नान, ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाना चाहिए। लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए 50 हजार पंपलेट का वितरण कराया गया है। फॉगिग एवं टीकाकरण का कार्य छह मई से प्रारंभ है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिन्हा सहित कई चिकित्सक उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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