बिहार के मजदूरों की पिटाई करने वालों के खिलाफ बिहार सरकार करे कड़ी कार्रवाई

मुंगेर । देश और राज्य की जनता कोरोना जैसी भयावह स्थिति से गुजर रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी गिरावट के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल के वर्तमान मूल्यों में कमी कर जनता को थोड़ी राहत देने की बजाय राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले वैट को बढ़ा कर उनके दामों में प्रति लीटर दो रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। राज्य सरकार का यह कदम जले पर नमक छिड़कने जैसा है।

ये बातें एसयूसीआइ के जिला सचिव कृष्णदेव शाह ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल के बढ़ी हुई कीमतों को अविलंब वापस लें। वहीं, राज्य के बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की मुफ्त व्यवस्था किए जाने, लॉकडाउन के दौरान सभी मजदूरों को पूरा वेतन व काम की सुरक्षा हो, गरीबों और जरूरतमंदों के लिए भोजन की मुफ्त व्यवस्था किए जाने, सभी मजदूरों को हजार रुपये प्रतिमाह देने के वायदे को सख्ती से लागू किए जाने की भी मांग की। सभी जरूरतमंदों को राशन कार्ड उपलब्ध कराकर मुफ्त राशन मुहैया कराने, सभी के लिए कोरोना की मुफ्त जांच सुनिश्चित किए जाने, तमाम सरकारी अस्पतालों में कोरोना तथा सामान्य मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था किए जाने, मजदूरों और गरीबों को परेशान करने की बजाय पुलिस-प्रशासन उनके साथ मानवीय बर्ताव करने, हरियाणा के मानेसर में फंसे बिहार के मजदूरों की बेरहम पिटाई करनेवालों के खिलाफ बिहार सरकार कड़ी कार्रवाई करे। तमिलनाडु की उस कंपनी के मालिक के खिलाफ बिहार सरकार हत्या का मुकदमा दर्ज करे, जिसके द्वारा बिहार के मजदूरों को घर में बंदकर भूखे-प्यासे रखा गया और उसके नतीजतन एक मजदूर की मौत हो गई।
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Posted By: Jagran
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