अब बहुत हो गया!

20 May, 2020 11:21 PM | Saroj Kumar 1492

अब बहुत हो चुका है, सब की यही पुकार बिहार में उद्योग और रोजगार 
 | अब सरकार को जवाब देना होगा की आखिर क्यों नहीं ?


अब  समय आ गया हैं  कि हम अपनी गलतियों से सीखें और बेहतर बिहार बनाएं। मुफ्त राशन वितरण जरूरतमंद लोगों के लिए जारी रहेगा, जिन्हें वास्तव में इस महामारी की स्थिति के दौरान मदद की जरूरत है लेकिन अगर हम स्थायी समाधान चाहते हैं तो इसका केवल उपाय हमारे क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना के साथ किया जा सकता है। यदि हम वास्तव में अपने क्षेत्र के लोगों की मदद करना चाहते हैं, तो हमारा मुख्य ध्यान उद्योगों के स्थापना पर केंद्रित होना चाहिए।


भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे पहले बिहार को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। हमारे पास शक्ति है और हम सब मिलके कर सकते हैं। केवल वही चीज जिसकी आवश्यकता है वह है इच्छाशक्ति। अन्य राज्यों से हमे सिख लेनी चाहिए और इसे बिहार में लागू करने के लिए यह उचित  समय है। बिहार में कृषि आधारित उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं है। लेकिन बिहार एक मजदुर देना वाला राज्य बना हुवा हैं, हम सब के प्रयाश से ही इस छवि से बिहार को बाहर निकाल पाएंगे। हमे इस अवसर का सही उपयोग करना हाँ और हमारे भाइयों को फिर से अन्य राज्यों में जाने से हम सब मिलके  रोक सकते हैं | बिहार क्षमताओं से भरा राज्य है। लेकिन राजनीति ने संभावनाओं को कुचल दिया है, बिहार पिछले 30 सालों से विकास के लिए तरस रहा है। इतने वर्षों तक बिहार में कोई उद्योग स्थापित नहीं हो सका। इस वर्ष, हमारे पास बिहार के लोगों के लिए करने का अच्छा और  बहुत ही सुनहरा अवसर है।


यह सही समय हैं चीनी मिलों, कारखानों और उद्योगों को फिर से खोलने का। हमे और बिहार सरकार को मिल के प्रवासी श्रमिकों के लिए कुछ यही कुछ उद्योग-धंधे अस्थापित करना होगा। हमारे पास बहुत अधिक कुशल जनशक्ति है| हम सभी बिहार  सरकार से अनुरोध करते हैं कि कृपया बिहार के उद्योगों को फिर से खोलने के लिए सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रवासी को अपनी मातृभूमि नहीं छोड़नी पड़े और हम अपने उद्योगों को फिर से वापस चाहते हैं।


जैसा कि पूरा देश जानता है कि बिहारी कौन है और बिहारी क्या कर सकता है ? आम, अमरूद, लीची और केला बिहार के प्रमुख फल हैं जबकि आलू, प्याज, टमाटर, फूलगोभी, भिंडी और बैंगन कुछ प्रमुख सब्जियां हैं। हम इनके उत्पादन का व्यवसायीकरण कर सकते हैं और बहुत सरे लघु उद्योग की स्थापना कर सकते हैं, जो पूरे ग्रामीण आर्थिक तंत्र को बदल सकती है।


यह बिहार है, न केवल भारत  के अन्य हिस्सों से बल्कि दुनिया भर से लोग शिक्षा के लिए यहां आए थे। लेकिन हम गंदे राज्य की राजनीति  से नष्ट हो गए हैं। हमारे पास सस्ते श्रम, भूमि, जल संसाधन, खनिज संसाधन पास हैं, देश का सबसे अच्छा दिमाग है। फिर भी हम विकास सूचकांक में सबसे नीचे हैं। हमारी महिमा को वापस लेन के लिए प्रयाश करना होगा | बिहार में उद्योग लगाने का समय आ गया हैं ! हम सभी ने देखा है कि बिहारी प्रवासी कामगारों को कैसे नुकसान उठाना पड़ा है और कितने सब परेशान हुवे इस बंद के दौरान । क्यों बिहार को हर बार सभी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? हमे एक अवसर क्यों नहीं मिलना चाहिए ?


हम बिहारी आईटी में , न्यूज़ मीडिया में और हर छोटे बड़े उद्योग में काम करते हैं और हम सबसे ज्यादा किसी और राज्य में क्योंकि हमारे लिए कुछ नहीं किया कुछ स्वार्थी और सत्ता के लालची लोगो ने, सही समय है सब कुछ छोड़कर इसी मुद्दे पे ध्यान केंद्रित करे | 


30 साल से सुन रहे  है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है, लेकिन क्या ऐसा था? या इसे फिर से स्थापित किया जा सकता है? हम सब को जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी , औद्योगिक दिनों को फिर से वापस लाएंगे ये प्रण करना होगा मिलके, मैं इस मिशन में आपके साथ हूँ, अब बस बहुत हुवा, यही रोजगार स्थापित करेंगे और लोगो को नौकरी यही मिलेगी |

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