नौ घंटे विलंब से 1200 श्रमिकों को लेकर किशनगंज पहुंची स्पेशल ट्र्रेन

- स्क्रीनिग पश्चात बस से संबंधित जिला भेजे गए प्रवासी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : 04815 उदयपुर किशनगंज श्रमिक एक्सप्रेस लगभग नौ घंटे विलंब से किशनगंज पहुंची। हालांकि इस ट्रेन को मंगलवार सुबह ही किशनगंज पहुंच जाना था लेकिन तकनीकी कारणों से ट्रेन मंगलवार रात 9.15 बजे किशनगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। ट्रेन के आगमन की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण रात भर प्रशासनिक,स्वास्थ्य और रेलकर्मियों के बीच अफरातफरी का माहौल व्याप्त रहा। वहीं लंबे सफर के कारण ट्रेन सवार श्रमिक भी थके थके से नजर आए। लेकिन ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रूकने के साथ ही सकुशल वतन वापसी ने उनकी सारी थकान को दूर कर दिया। ट्रेन सवार श्रमिकों ने हाथ हिला कर स्टेशन पर उपस्थित अधिकारियों और लोगों का अभिवादन कर शुक्रिया अदा किया।
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फिरोजपुर से इस ट्रेन में 1200 से लोग सवार थे। लेकिन पूर्व के स्टेशनों पर श्रमिकों के उतर जाने के बाद यह ट्रेन मात्र 211 सवारियों को लेकर किशनगंज पहुंची। इनमें किशनगंज के83,गया11, आरा 21,बेगूसराय एक, पूर्णिया 31, मधेपुरा के छह, कटिहार के पांच सहित बंगाल के 54 लोग शामिल थे। जबकि मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से श्रमिकों को लेकर 01767 अप बुधवार सुबह किशनगंज पहुंची। इस ट्रेन में किशनगंज पहुंचने तक मात्र 367 लोग सवार थे। जिनमें बंगाल के 54, किशनगंज के 193, अररिया के चार, बेतिया के एक, भागलपुर के तीन, मधेपुरा के आठ, नवादा के पांच, पुर्णिया के 91, रोहतास के एक और सहरसा के तीन लोग सवार थे।
रेलवे के द्वारा श्रमिक स्पेशल के किशनगंज पहुंचने की घोषणा करते ही पूरे स्टेशन परिसर को चारों तरफ से सील कर दिया गया था और चप्पे चप्पे पर बल की तैनाती कर दी गई। ट्रेन के प्लेटफार्म पर रूकते ही किशनगंज पुलिस के साथ साथ आरपीएफ और जीआरपी जवानों ने उसे अपने कब्जे में ले लिया। ट्रेन के सभी दरवाजों को बंद कर मात्र एक दरवाजे से एक एक कर यात्रियों को नीचे उतारा गया। दरवाजे के ठीक सामने बकायदा टेबल लगाकर स्क्रीनिग की व्यवस्था की गई थी।
प्रत्येक टेबल पर तीन कर्मियों के साथ मजिस्ट्रेट और बल की तैनाती की गई थी। हालांकि ट्रेन से उतरने वाले किसी भी श्रमिक का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा था। नतीजतन स्क्रीनिग के बाद यात्रियों का सेनिटाइजर से हाथ धुलाया गया और मास्क देकर एक एक कर रैंप ब्रीज के रास्ते एन एच छोड़ पर लाया गया और पार्किंग स्थल से जिले के सभी यात्रियों को बसों में भरकर मजिस्ट्रेट और बल के साथ उनके ब्लॉक स्थित कोरैनटाइन सेंटर भेज दिया गया। जबकि अन्य जिले के श्रमिकों को उनके गृह जिला भेजने के लिए प्रशासन ने अलग से व्यवस्था की थी।संवाद सहयोगी, किशनगंज
Posted By: Jagran
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