एइएस की रोकथाम में आइसीडीएस कार्यकर्ता भी करेंगे सहयोग

कोरोना संकट के बीच राज्य के सामने एइएस (चमकी बुखार) पर प्रभावी नियंत्रण की चुनौती भी आ गई है। इसे ध्यान में रखते हुए अभी से राज्य सरकार एइएस प्रबंधन पर कार्य शुरू कर दी है। अब एइएस के खिलाफ इस जंग में आइसीडीएस के कार्यकर्ता भी सहयोग करेंगे। इसको लेकर आइसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने आइसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखकर जानकारी दी है। पत्र में बताया गया है कि महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका अपने क्षेत्रों में एइएस से बचाव एवं त्वरित राहत कार्य में अपना सहयोग देंगे। इसके लिए सभी कार्यकर्ता को राज्य सरकार द्वारा एइएस प्रबंधन को लेकर जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिग सिस्टम( एसओपी) को अनुशरण करते हुए कार्य करना है। आइसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया कि मरीज यदि बेहोश नहीं है तो उसे तुरंत ओआरएस का घोल देगी, आशा एवं एएनएम के पास ग्लूकोमीटर होने पर मरीज के खून में शुगर की मात्रा की जांच करेगी , बुखार की दवा (पारासीटामोल) चिकित्सक की परामर्श के मुताबिक रोगी को देंगी, नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल या रेफेरल अस्पताल को मरीज के आने के पूर्व सूचना देगी,एंबुलेंस के लिए टोल फ्री नंबर 108/102 नंबर पर कॉल करेंगी, चिह्नित किए गए कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चों पर अतिरिक्त ध्यान देने की बात परिवार के सदस्यों को बताएंगी, समुदाय में एइएस की पहचान एवं रोकथाम पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाएगी, कोविड-19 को देखते हुए व्यक्तिगत दूरी सहित मुंह एवं नाक को ढंकने एवं हाथों की सफाई पर खुद भी ध्यान देगी एवं इसके विषय में दूसरों को भी जागरूक करेगी।

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एइएस के लक्षण-
अचानक पूरे शरीर या शरीर के किसी खास अंग में एंठन, मुंह से झाग निकलना, दांत पर दांत का बैठ जाना
अचानक सुस्ती, मुर्छा, बेहोशी
चिउंटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना
उल्टी, तेज सांस का चलाना
एइएस होने पर ये करें :
बच्चा बेहोश नहीं हो तो साफ पानी में डालकर ओआरएस का घोल दें
बेहोशी या मिर्गी की स्थिति में बच्चे को हवादार जगह पर रखें
बच्चे के शरीर से कपड़े हटा दें एवं बच्चे की गर्दन सीधी कर उसे छायादार जगह पर लिटाएं
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए बच्चे के पास जाने से पूर्व मुंह एवं नाक को जरुर ढंक लें एवं हाथों की सफाई पर भी ध्यान दें
रोगी की देखभाल यथासंभव घर के सदस्य ही करें
Posted By: Jagran
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