एक ओर सता रहा था कोरोना का भय वहीं अनजान शहर में आ गई थी भूखे मरने की नौवत

जहानाबाद । किसी तरह जान बच गई। बाहर में तो मुसीबतों का पहाड़ था। एक ओर कोरोना का डर सता रहा था तो दूसरी और अनजान शहर में भूखे मरने की नौबत आ गई थी।

पास में फूटी कौड़ी भी नहीं थी। प्रदेश क्या होता है पहली बार पता चला। अब कभी वहां नहीं जाएंगे। घर में ही रोजी-रोटी के कई साधन हैं । यहां ही मेहनत मजदूरी करेंगे। यह अल्फाज है मखदुमपुर प्रखंड क्षेत्र के चिलोरी क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों की।
फिलहाल यहां 55 प्रवासी रह रहे हैं। सभी लोग बाहर से सकुशल वापस लौटने पर खुश हैं। इन दिनों उनलोगों के सामने भविष्य की प्लानिग करने का पूरा समय है। कोई खेती किसानी से जुड़ना चाह रहा है तो कोई स्वरोजगार करने की बात कह रहा है। अभी प्रदेश में मिले दर्द का घाव हरा है। अब अपने घर में ही रोजी रोटी का इंतजाम करने की मुहिम ही इन लोगों के लिए प्राथमिकता है। समय 7:00 बजे
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विद्यालय परिसर में कुछ लोग आवश्यक दूरी बनाकर टहल रहे थे। वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने बताया कि सभी प्रवासी ही हैं। शरीर को फिट रखने के लिए कुछ प्रवासी प्रतिदिन व्यायाम करते हैं। इसी बीच लोगों के लिए चना-गुड़ और तरबूज आया। जो लोग कमरे में थे उन्हें वहां जाकर दिया गया। समय 8:00 बजे दैनिक क्रिया से निवृत्त होकर सभी प्रवासी अपने-अपने कमरे में बैठे थे। इसी बीच उन लोगों से बात करने का भी समय मिला। बातचीत के दौरान सकुशल घर वापसी पर प्रवासियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब प्रदेश कभी नहीं जाएंगे। यहां तो कोई काम धाम है नहीं। हमेशा यही प्लानिग करते रहता हूं आगे क्या करना है। कुछ लोगों का कहना था कि फिलहाल तो धान रोपनी का समय आ रहा है उसी में जुट जाएंगे। एक युवक ने बताया कि गांव में पोल्ट्रीफार्म खोलेंगे। प्रवासियों में से कुछ लोग सब्जी की खेती करने की इच्छा जता रहे थे। एक अधेड़ व्यक्ति ने बताया कि बाहर में कारपेंटर का काम करते थे। अब इस काम को यहां ही शुरू करेंगे। बाहर की कमाई का जो नुकसान उठाना पड़ा है उसकी भरपाई यहां ही करें लेंगे। समय 9:00 बजे
प्रवासियों के लिए चाय आई। सभी लोग चाय पीने लगे। इसी बीच विद्यालय के मुख्य द्वार पर एक मोटरसाइकिल आकर रुकी। पूछने पर पता चला कि स्थानीय मुखिया के लड़का धीरज कुमार हैं। उन्होंने प्रवासियों का हाल जाना। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि हम यहां दिन में दो बार जरूर आते हैं। सभी लोग हमारे ही पंचायत के हैं। संकट की इस घड़ी में लोगों की हौसला अफजाई करना जरूरी है। यहां आने से लोगों के हाल चाल के साथ-साथ व्यवस्था की भी जानकारी मिल जाती है। उन्होंने बताया की आते ही सभी लोगों को मच्छरदानी, कपड़े, साबुन, बाल्टी, मग, मास्क तथा सैनिटाइजर समेत अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा दी गई है । समय 10:00 बजे सभी कमरे तथा परिसर की साफ-सफाई होने लगी। जगह-जगह पर सैनिटाइजर का भी छिड़काव किया जा रहा था। अपने कमरे में बैठा एक युवक से बातचीत होने लगी । इस क्रम में उसने बताया कि बड़े बुजुर्ग हमेशा घर में ही रोजी-रोटी की जुगाड़ की बात करते थे। लेकिन हम लोग शहर की दुनिया में खो गए थे। वहां रोजगार की व्यवस्था तो थी लेकिन गांव जैसा सुकून नहीं था। अब गांव का महत्व समझ में आने लगा है। घरवालों से रात में ही बातचीत हुई है। ईमलिया मोड़ के पास दुकान खोलने की योजना बना रहे हैं। लॉकडाउन समाप्त होते ही इस कार्य में जुट जाएंगे। समय 11 : 00 बजे
परिसर में चहल-पहल बढ़ गई। स्वास्थ्य कर्मी भी गाड़ी से यहां पहुंचे। उन लोगों ने सभी से स्वास्थ संबंधी जानकारी हासिल की। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि हम लोग दिन में एक बार यहां जरूर आते हैं। बीडीओ साहब के निर्देश पर प्रखंड क्षेत्र के सभी सेंटरों का दौरा करना पड़ता है। सामान्य बीमारी से ग्रसित लोगों को तत्काल दवा दी जाती है। समय 12:00 बजे अपने बेड पर कई प्रवासी सो रहे थे। कुछ तो गहरी नींद में भी थे। हमारी बातचीत वहां तैनात कर्मी से होने लगी। बातचीत के क्रम में कर्मी ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी लगाऐ जाने पर कुछ लोग तरह-तरह की बात कह डराने भी लगे थे। पहले तो मैं भी डर गया था। लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। संक्रमण के बचाव के उपकरणों से लैस होकर यहां कार्य कर रहे हैं। इसी बीच खानपान तथा अन्य व्यवस्था के संबंध में बातचीत होने लगी। कर्मियों का कहना था यहां तो बेहतर व्यवस्था है। मुखिया जी के साथ-साथ गांव के लोग बेहतर व्यवस्था कायम रखने में हर संभव सहयोग कर रहे हैं। हमलोग आवश्यक शारीरिक दूरी बनाकर अपने अपने कार्य में जुटे रहते हैं। समय 1:00 बजे भोजन का समय हो गया था। सभी प्रवासियों को भोजन के लिए बैठने को कहा गया। सभी लोग अपना हाथ को धोकर भोजन के लिए बैठ गए। भोजन के रूप में चावल-दाल, आलू पटल की सब्जी, पापड़ तथा प्याज और खीरा का सलाद परोसा गया। सभी लोग भोजन से संतुष्ट थे। भोजन के बाद फिर से साफ-सफाई होने लगी। सफाई कर्मी दस्ताना व मास्क पहनकर साफ-सफाई में जुट गए। सैनिटाइजर का भी छिड़काव किया गया।
Posted By: Jagran
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