सिघिया जंगल बना किसानों के लिए अभिशाप, जंगल में छोड़ी गई नील गाय की संख्या बढ़ी

पूर्णिया। जिले का प्रसिद्ध सिघिया जंगल आसपास के किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। विभाग द्वारा जंगल में छोड़ी गई नील गाय की संख्या इतनी बढ़ गई है कि किसानों के लिए ये जी का जंजाल बन गई है।

उक्त जंगल में नील गाय की संख्या इतनी बढ़ गई है कि ये अब दिन में भी झूंड का झूंड जंगल से निकलकर किसानों की लगी फसल को बर्वाद कर देती है। नील गाय का झूंड जिस खेत में जाता है उस खेत में लगी फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर के हीं निकलता है। जंगल के चारों तरफ लगभग छह किलोमीटर के दायरे में लगी फसल को नील गाय क्षति पहुंचा रही है। जंगल के बगल में नयानगर के किसान दिलीप मेहता, तिनटकिया के किसान लालो यादव, रविन्द्र मंडल, प्राणपट्टी गांव के किसान दिनेश मेहता, अजय सिंह, अवधेश मेहता रामनगर गांव के किसान विनय कुमार, सुशील कुमार, दिलीप यादव आदि बताते हैं कि दिन में तो खेतों में लगी फसल की रखवाली तो कर लेते हैं परन्तु रात में रखवाली करना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या को लेकर जिला वन पदाधिकारी भाष्कर चन्द्र भारती ने बताया की नील गाय फसल को क्षति पहुंचा रही है तो इसकी जांच करवाकर जांच रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया जंगल के घेराबंदी करने के लिए विभाग के पास अभी कोई योजना नहीं है।
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Posted By: Jagran
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