पति की लंबी आयु को महिलाओं ने वटवृक्ष में बांधा रक्षासूत्र

बक्सर : ज्येष्ठ मास की अमावस्या के अवसर पर अपने पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने शुक्रवार को वट वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर विधिवत पूजन-अर्चना की। साथ ही अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना की। यह सिलसिला अल सुबह से लेकर पूर्वाह्न लगभग 10 बजे तक चलते रहा।

इस दौरान आसपास फलित वटवृक्ष की पूजा करने को लेकर अपने-अपने समयानुसार महिलाएं क्रमबद्ध थीं। कुछ महिलाओं द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिग को ध्यान में रखते हुए गमले में रोपे गए पौधे से ही इस परंपरा को विधिवत निभाया गया। वहीं, सोहनीपट्टी, चरित्रवन आदि एक-दो स्थलों पर एकाएक महिलाओं की संख्या अधिक जुट जाने से फिजिकल डिस्टेंसिग की धज्जियां भी उड़ते दिखी। इधर, पूजन कार्य महिलाएं सुबह ही इसकी तैयारियों में जुट गई थीं। पूजा की बांस से बनी टोकरी में पूजा सामग्री के साथ-साथ सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ी, बिदी, सिदूर, महावर आदि रखकर पास के वट वृक्ष के निकट पहुंची। जहां, महिलाओं ने विधिवत जल अर्पण करके सुहाग की सामग्री अर्पित कीं। वहीं, बरगद के पेड़ पर रक्षा सूत्र (कच्चा सूत) लपेट कर उसकी परिक्रमा कीं। इस अवसर पर महिलाओं ने सत्यवान और सती सावित्री की कथा का भी श्रवण किया। पौराणिक कथा प्रसंग है कि सावित्री ने अपने अल्पायु पति सत्यवान की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा की थी। मान्यता है कि बरगद के पेड़ की आयु सबसे अधिक होती है। इसी कारण लंबी आयु के प्रतीक वट वृक्ष की पूजा महिलाएं प्राचीनकाल से करती चली आ रही हैं।

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