मौसम की मार से किसान हलकान

जेएनएन, किशनगंज : लॉकडाउन की अवधि में लगातार हो रही आंधी पानी से किसान हलकान हैं। बुधवार शाम से हो रही बारिश से खासकर खेत में पक कर तैयार मक्का व गरमा धान के फसल को व्यापाक नुकसान पहुंचा है। जिले में 30 हजार हेक्टेयर में मक्का व लगभग 9500 हेक्टेयर में गरमा धान की खेती की गई है। खेत में धान व मक्का के पौधे गिरने से किसानों की चिता बढ़ गई है। इतना ही नहीं केला को नुकसान पहुंचा है।

किसानों का कहना है कि मक्का और बोरो धान की फसल इन दिनों खेत में परिपक्व हो गया है। जिसकी कटनी चल रही है। लेकिन बेमौसम बारिश होने से खेत में फसल बर्बाद हो रहा है। किसान मु. नईमुद्दीन, मु. रफीक, कमरूद्दीन, मु. मुख्तार आलम, मु. इकबाल, कालीचरण टुडू, मदनलाल हरिजन आदि ने बताया कि दो महीने से लगातार आंधी पानी आने से खेत में खड़ी मक्का और गरमा धान का फसल गिर चुका है। लगातार बारिश से खेत में पानी जमा होने से फसल खराब हो रहा है।
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किसानों के लिए अप्रैल-मई का महीना पीड़ादायक रहा। इन दोनों महीना में खेतों में लहलहाते फसल देखकर किसान प्रसन्नचित रहते थे वहीं बेमौसम बारिश के साथ लगातार आ रही आंधी तूफान ने किसानों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अप्रैल माह में औसत वर्षा 164.17 मिमी हुई है। जबकि मई माह में अब तक 128.23 मिमी बारिश हो चुकी है। असमय होने वाले बारिश और आंधी तूफान ने खेतों में लगे कई प्रकार के फसलों को बर्बाद कर दिया है।
कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए फसल क्षतिपूर्ति रिपोर्ट के आधार पर जिला के विभिन्न प्रखंड में कुल मिलाकर 2,019 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुए हैं। सबसे ज्यादा कोचाधामन, ठाकुरगंज और पोठिया प्रखंड में आंधी-बारिश से फसल की बर्बादी हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी संत लाल साहा ने बताया कि अप्रैल माह में आए आंधी-तूफान से 1,948 हेक्टेयर में मक्का, 21 हेक्टेयर में गरमा धान और 50 हेक्टेयर में लगे केला के फसल बर्बाद हो गए हैं। किसानों से फसल क्षतिपूर्ति की मुआवजा के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। जिले के विभिन्न प्रखंडों में लगभग 9,500 हेकटेयर क्षेत्र में गरमा धान की खेती की गई थी। इनमें 80 फीसद खेतों में बोरोधान की कटाई हो चुकी है। फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा के लिए प्रति हेक्टेयर राशि निर्धारित किए गए हैं। इसके अंतर्गत असिचित क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर और सिचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान देय है।
Posted By: Jagran
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