जल-जीवन-हरियाली अभियान पर भी संक्रमण की मार

जमुई। कोरोना वायरस संक्रमण की मार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी अभियान जल-जीवन-हरियाली पर भी पड़ी है। नतीजतन, जिले में अभियान के तहत ली गई 384 तालाबों के निर्माण व जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करने की चुनौती जिला प्रशासन के समक्ष है। यह दीगर बात है कि जिला प्रशासन इस कार्य की मॉनिटरिग कर लगातार कर्मियों को पूर्ण करने का टास्क दे रहा है लेकिन काम के दौरान शारीरिक दूरी बड़ी बाधा बनी है। बताया जाता है कि संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी अनिवार्य है, जबकि शारीरिक दूरी होने से मजदूरों की संख्या सीमित रखना लाजिमी है, लिहाजा पहले 22 मार्च से 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का ब्रेक, उसके बाद शारीरिक दूरी के कारण मजदूरों की संख्या सीमित रखने के बाद बहुत हद तक जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत तालाब निर्माण कार्य को प्रभावित किया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने भरपूर कोशिश किए जाने का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि सभी मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारियों, अभियंताओं एवं रोजगार सेवकों को 31 मई तक पूर्ण करने का टास्क सौंप दिया गया है।

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संक्रमण के भय से भी नहीं निकलते मजदूर
खैरा प्रखंड अंतर्गत केनडीह पंचायत में खुदीयाही पोखर का जीर्णोद्धार कार्य इसलिए प्रभावित हो रहा है कि पर्याप्त संख्या में मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। मांगोबंदर स्थित श्मसान घाट तालाब को भी संक्रमण और लॉकडाउन का ब्रेक लगा लेकिन लंबाई-चौड़ाई अत्यधिक होने के कारण पर्याप्त संख्या में मजदूरों को लगाने की जगह उपलब्ध है, लिहाजा कार्य भी प्रगति पर दिख रहा है। खैरा पंचायत के नोनियाटांड़ बहियार स्थित तालाब में भी मजदूरों की कमी खल रही थी। बताया जाता है कि मजदूरों को निकलने में संक्रमण का भय बाधक बना है।
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कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों से जल-जीवन-हरियाली अभियान भी प्रभावित हुआ है। पहले लॉकडाउन में कार्य पर विराम लगा। फिर संक्रमण रोकने के लिहाज से शारीरिक दूरी के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में मजदूरों की संख्या सीमित हुई। इसके बावजूद हर संभव प्रयास जारी है कि 15 जून तक अधिकांश योजनाओं को पूर्ण कर लिया जाए।
- अरुण कुमार ठाकुर, डीडीसी, जमुई।

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