प्रवासियों को लेकर नीतीश का अंदेशा था सही, बिहार में कोरोना के मामले हुए 2098

बिहार में पिछले 24 घंटों (22 मई) में कोरोना के 111 नए मामले सामने आए हैं. जिसके बाद अब पूरे प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 2098 तक जा पहुंच गई है. गौरतलब है कि बिहार में कोविड-19 के जितने भी मामले हैं उनमें से 50 फीसदी से भी ज्यादा प्रवासी मजदूरों से जुड़े हुए हैं. यानी कि तकरीबन 1000 से भी ज्यादा मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े हुए हैं जो पिछले दिनों बिहार लौट कर आए हैं.

आंकड़ों की बात करें तो अन्य राज्यों से अब तक तकरीबन 7.5 लाख प्रवासी मजदूर बिहार लौट चुके हैं. इन सभी को पूरे राज्य में बनाए गए तकरीबन 6000 क्वारनटीन केंद्रों में रखा जा रहा है. पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जानकारी दी थी कि बिहार सरकार अगले कुछ दिनों में 800 और विशेष ट्रेन के जरिए तकरीबन 20 लाख प्रवासी मजदूरों को बिहार वापस लाएगी.
क्वारनटीन केंद्रों में रह रहे प्रवासी मजदूरों का हालचाल जानने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 10 जिलों के 20 क्वारनटीन केंद्रों का डिजिटल निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से बातचीत भी की. बातचीत के दौरान सीएम ने क्वारनटीन केंद्रों में उन्हें किसी भी प्रकार की हो रही दिक्कत के बारे में जानकारी भी प्राप्त की.
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर?
बिहार में अब तक कोविड-19 के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े हुए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अंदेशा सटीक था की लॉकडाउन का उल्लंघन करके प्रवासी मजदूरों को बिहार वापस बुलाना सही कदम नहीं रहेगा.

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