CM नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों से की अपील, बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं यहीं मिलेगा रोजगार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों से बात किया और क्वारंटाइन सेंटर का हाल जाना है. उन्होंने बिहार में बने क्वारंटाइन सेंटर के बारे अधिकारियों को प्रवासी मजदूरों से बात किया. आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 10 जिले के 20 बलॉक के क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण समीक्षा किया और मजदूरों एवं पदाधिकारियों से बात की. बात चीत के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने क्वारंटाइन सेंटर में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. साथ वहां किस तरह कि व्यवस्था है साफ सफाई के बारे में लोगों से जाना. प्रवासी मजदूरों से बात करते हुए उन्होंने साफ साफ कहा है कि अब नहीं न जाइएगा बिहार से बाहर, बिहार में ही रहिए, यहीं मिलेगा रोजगार, चिंता मत कीजिए.

सीएम नीतीश कुमार ने जब क्वारंटाइन में रह रहे मजदूरों से हाल चाल जाना तो कई मजदूर सामने आकर अपनी बात रखने लगे. सीएम नीतीश कुमार ने जब उनसे पुछा कि आप कहा काम करते थे और क्या काम करते थे तो मजदूरों ने बड़े ही चाव से उन सभी कामों का जिक्र किया जो वे इतने दिनों से दूसरे राज्यों में करते आ रहे थे. कई मजदूरों ने कहा कि वे टेलरिंग का काम करते थे कुछ ने कहा कि वे कुकिंग का काम करते थे. जो जिस क्षेत्र में था उसने अपने काम के बारे में बताया. वही एक मजदूर ने बताया कि वे पेवल फ्लास्क की तकनीक से ईट का निर्माण करते हैं और क्वारंटाइन में रहने के दौरान वे यहां भी इसका निर्माण कर रहे हैं. यह जान कर सीएम नीतीश कुमार खुश हो गए और उन्होंने इनकी प्रशंसा की. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि वे इन ईटों का इस्तेमाल नल जल योजना के तहत नदी और तालाब के किनारे करें.

आपको बात दें कि अब प्रवासी मजदूरों की आने की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. शुक्रवार को प्रदेश में 105 ट्रेनों से एक लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार में आए हैं. ऐसे में बिहार सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे इतने लोगों को रोजगार कैसे देगी जिससे की ये बिहार में ही रुके रहे और दूसरे प्रदेशों में पलायन न करें. हालांकि बिहार सरकार के द्वारा कहा गया है कि बिहार में 3 लाख से ज्यादा योजनाओं को खोला गया ताकि लोगों को रोजगार दिया जा सके. मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.

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