सदका-ए-फितर के लिए 45 रुपये तय

संवाद सूत्र, कोचाधामन (किशनगंज) : सदका-ए-फितर मुसलमानों पर वाजिब करार दिया गया है। हर मालदार पर सदका वाजिब है। यानी जिनके पास एक दिन और एक रात से ज्यादा की खुराक अपने लोगों के लिए हो तो वो अपनी और अपने अहल-ओ-आयाल की तरफ से सदका-ए-फितर अदा करें।

इस बात की जानकारी मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत जनता कन्हैयाबाड़ी के नाजिम कारी नौशाद आलम ने दी। उन्होंने कहा की इस बार सदका फितर की रकम प्रत्येक व्यक्ति 45 रुपये अदायगी तय किया गया है। ईदुल फितर की नमाज अदा करने से पहले सदका ए फितर अदा करना लाजिम है।
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कारी नौशाद आलम ने यह भी बताया की ईद का पर्व मानवीय समानता का संदेश देता है। अमीर गरीब सब एक-दूसरे की खुशी में शरीक हों। इसलिए इस्लाम में सदका ए फितर का प्रावधान किया गया। ताकि गरीबों, मिसकीनों को भी इतना माल दे दिया जाए कि वह भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने फरमाया की रोजे की हालत में इंसान से कुछ भूल चूक हो जाती है। जुबान और निगाह से गलती हो जाती है। इन्हें माफ कराने के लिए सदका ए फितर दिया जाता है। यह इंसान को गुनाहों की गंदगी से पाक करता है।
Posted By: Jagran
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