मुंबई से गोरखपुर के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन ने बीच रास्ते में बदला रूट, पहुंच गई राउरकेला

COVID-19 की रोकथाम के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच अलग-अलग जगहों पर फंसे लाखों प्रवासी मजदूर अपने घर जाने के लिए परेशान हो रहे हैं. ऐसे ही अलग-अलग प्रदेशों में फंसे लाखों मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे कई श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रहा है. इन्हीं ट्रेनों के चलते रेलवे को तब शर्मसार होना पड़ा जब 21 मई को मुंबई से चलकर गोरखपुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन यात्रियों को बिन बताए ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई.

यात्रियों के इस घटना का वीडियो twitter पर शेयर करने के बाद रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "हमने कुछ श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को बदले हुए रूट पर चलाने का फैसला किया है. बिहार जाने वाली कुछ ट्रेनों को राउरकेला की तरफ डाइवर्ट कर दिया है ताकि रास्ते में भीड़ ना हो."
वहीं पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता रविंद्र भाकर ने एक स्टेटमेंट में बताया कि, "सभी को सूचित किया जाता है की वसई रोड-गोरखपुर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन जोकि 21 मई को कल्यान, जलगांव, भुसावल, खांडवा, इटारसी, जबलपुर, मानिकपुर के रास्ते से जाने वाली थी अब बिलासपुर, झारसुगुडा, राउरकेला, अदरा, आसनसोल होते हुए पहुंचेगी."
उन्होंने आगे बताया कि इटारसी-जबलपुर-पंडित दीनदयाल नगर के रास्ते पर ट्रेनों की भारी भीड़ को देखते हुए, रेलवे ने पश्चिमी रेलवे के वसई रोड, उधना, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर स्टेशनों,कोंकण रेलवे और और सेंट्रल रेलवे के कुछ स्टेशनों पर ट्रेनों का रूट बदलकर उन्हें बिलासपुर, झारसुगुडा, राउरकेला से चलाने का फैसला किया है.
रेलवे के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी चलती हुई ट्रेन का रूट यात्रियों को बिन बताए बदल दिया गया हो. इस बारे में बात करते हुए रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,' ऐसे अचानक रास्ता बदलने के पीछे ज़रूर कोई ऑपरेशनल दिक्कत रही होगी. ऐसे कठिन समय में रेलवे इतनी ट्रेनें चला रहा है. दो राज्यों के बीच भी ऐसे में सामंजस्य बिठाते हुए काम करना आसान नहीं है. ऐसा देश में पहले कभी नहीं हुआ, हम चुनौतियों का सामना करते हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं."
रेलवे के अधिकारिक आंकडों के मुताबिक 1 मई से अबतक 31 लाख प्रवासी मजदूरों को 2317 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उनके घर पहुंचाया गया है.

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