लालू रसोई पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने, सुशील मोदी के कमेंट का राबड़ी ने दिया कड़ा जवाब

पटना, जेएनएन। लालू के नाम पर राजद द्वारा चलाए जा रहे भोजनालयों पर राजनीति गर्म है। राजद ने आरोप लगाया है कि प्रशासन को लालू रसोई नहीं भा रही है। इसलिए उसे बंद कराने का प्रयास किया जा रहा है। कई जगहों पर तोडफ़ोड़ किया गया। भोजनालयों से राजद का बैनर हटा दिया गया। जवाब में भाजपा व जदयू ने कहा है कि गरीबों की सेवा से लालू परिवार का वास्ता नहीं है। तेजस्वी जिस लालू रसोई की बात कर रहे हैं, वहां राजद का सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, लालू रसोई को लेकर तेजस्‍वी के बाद शनिवार को राबड़ी देवी ने भी कड़ा हमला बोला है। बता दें कि लालू रसोई को उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने शुरू किया है।

सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर लालू रसोई को लेकर बड़ा आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आए कामगारों को प्रशासन न तो खुद खिला रहा है और न ही राजद को खिलाने दे रहा है। राजद द्वारा प्रदेश में लालू रसोई और भोजनालयों का संचालन किया जा रहा है। तेजस्वी ने आग्र्रह किया है कि इन भोजनालयों पर टंगे राजद के बैनर-पोस्टर हटाकर प्रशासन भले ही जदयू का बैनर लगा दे लेकिन कामगारों को यहां आने से न रोके।
तेजस्वी ने कर्मनाशा सीमा पर चलाए जा रहे राजद के भोजनालय का हवाला देते हुए कहा कि उसे उजाडऩे के लिए स्थानीय प्रशासन तीन-तीन बार दल बल के साथ पहुंचा था। राजद कार्यकर्ताओं का कहना था कि जिस तरह की गुणवत्ता के साथ हमलोग भोजनालय चला रहे हैं, उसी तरह प्रशासन भी चलाए। किंतु प्रशासन को खुन्नस थी कि राजद के शिविर में ही ज्यादातर कामगार क्यों आ रहे हैं। उसके भोजनालय को लोग क्यों खारिज कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वहां खाने की क्वालिटी सही नहीं है। अधिकारियों ने भोजनालय से बैनर हटाने के लिए कहा और बाद में यह भी तर्क देने के लगे कि यह सरकारी जमीन पर है। इसलिए खाली करना पड़ेगा।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि कामगारों और जरूरतमंदों की सेवा करने में सरकार की दिलचस्पी नहीं है। सत्तारूढ़ दल के लोग राजनीति कर रहे हैं।
इसी पर हमला करते हुए उप मुख्‍यमंत्री व वरीय भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि प्रियंका गांधी जैसे यूपी के मजदूरों की घर वापसी के लिए 1000 बसें भेज रही थीं, वैसे ही राजद लॉकडाउन के 60 दिन बाद "लालू रसोई" का बोर्ड लगा कर बिहार लौटे मजदूरों को भोजन कराने का नाटक कर रहा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि जिस नोटबंदी को जमकर कोसा गया, उसका जनता ने खुलकर समर्थन किया। भाजपा ने 2019 के चुनाव में शानदार सफलता मिली, जबकि लालू प्रसाद की पार्टी खाता नहीं खोल पाई।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने लालू रसोई को नाटक करार देने पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। शनिवार को भोजपुरी में ट्वीट करके राबड़ी ने सुशील मोदी को राजस्थानी मेवालाल बताया है और कहा है कि इस बरसात में हाफ पैंट पहनकर बिहार से भागने के लिए तैयार रहें। राज्य सरकार की 15 साल की उपलब्धियां गिनाते हुए राबड़ी ने लिखा है कि लूट-खसोट के अलावे कुछ नहीं हुआ। उसी लूटे हुए धन से आप कामगारों के लिए क्यों नहीं लंगर चला दे रहे हैं। दरअसल एक ट्वीट के जरिए सुशील मोदी ने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लॉकडाउन के 60 दिन बाद लालू रसोई के नाम पर बिहार लौटे मजदूरों को भोजन कराने का नाटक किया जा रहा है। सुशील मोदी ने राजद की इस कोशिश की तुलना यूपी में मजदूरों की घर वापसी के लिए प्रियंका गांधी द्वारा एक हजार बसें भेजने से तुलना की थी।
गौरतलब है कि इसे लेकर जदयू ने भी हमला बोला है। प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि प्रवासियों के नाम पर रोटी सेंकने की विपक्ष की मंशा कभी पूरी नहीं होगी। विपक्ष राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहा है। पोस्टर और बैनर लगाकर राज्य के बाहर से आए लोगों को राहत दिए जाने का दिखावा किया जा रहा है। जनता यह बखूबी जानती है कि राहत के नाम पर धोखा देने वाले चेहरे कौन हैैं? किन लोगों ने बड़ी संख्या में बिहारियों को प्रवासी बनने पर मजबूर कर दिया। वैसे लोग आज अपनी नाकामी पर मौन हैैं।
वहीं जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव आजकल कांग्रेस की आज्ञा से ही काम करते नजर दिखते हैैं। कभी सोनिया गांधी तो कभी प्रियंका गांधी की लाइन चुराना तो कभी राहुल गांधी की तरह आपदा के समय गायब हो जाना इनकी आदत बन चुकी हैै। आपदा में सेवा और वह भी तेजस्वी की पार्टी? तेजस्वी यादव बिहार की सीमा पर स्थित कर्मनाशा के जिस भोजनालय की बात कर रहे हैैं उसमें उनके दल के लोगों द्वारा मजदूरों के बीच सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। लॉकडाउन के कुछ नियम हैैं पर राजद को नियम-कानून से कुछ लेना-देना नहीं है।

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