आखिर इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों ने उन्हें 33 गोलियां क्यों मारीं, जानिए इसका कारण..

देश की पहली महिला पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही अंगरक्षकों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने प्रधानमंत्री आवास 1, सफदरजंग रोड, नई दिल्ली में की थी।

इंदिरा जैसे ही अपने आवास से निकली तो उनके बॉडीगार्ड बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उन्हें 33 गोलियां मारी। इसके बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया। उन्हें Aimsअस्पताल भी ले जाया गया लेकिन उन्होंने वहां पर दम तोड़ दिया।
सैकड़ों की तादाद में वहां सिख भी आए थे। लेकिन सवाल ये कि आखिर उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या क्यों की? ऑपरेशन ब्लू स्टार’ को हरी झंडी दिखाने के बाद महज 4 महीने के बाद ही सिख समुदाय के लोगों ने अपने नाराजगी के चलते पुरे मर्डर प्लान के साथ इंदिरा गांधी की हत्या की। 1970 के दसक में पाकिस्तान की शह पर सिख चरमपंथियों ने भारत से अलग देश खालिस्तान की माँग शुरू कर दी। पाकिस्तान इसके जरिये बांग्लादेश का बदला लेना चाहता था।
  इस मिशन का नेतृत्व कर रहे जनरैल सिंह भिंडरावाले दरअसल 1981 में अमृतसर स्थित हरिमंदिर साहिब परिसर में कई सिखों के साथ मंदिर के अंदर डेरा डाल कर बैठ गए थे। मंदिर में अलगाववादी आतंकी सिख भी तैनात थे। इसी के लिए इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को ऑपरेशन ब्लू स्टार को हरी झंडी दिखा दी थी।
ये ऑपरेशन 3 से 6 जून तक चला। 4 जून को सेना ने मंदिर के मोर्चाबंद चरमपंथियों के हथियारों को देखते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। इसका उन अलगाववादी आतंकियों ने भी जवाब दिया। कि 5 जून, 1984 को रात में 10.30 बजे के बाद काली कमांडो पोशाक में 20 कमांडो पूरी तैयारी के साथ स्वर्ण मंदिर में घुसे और इस दौरान काफी खून खराबा हुआ। 
ऑपरेशनमें 83 सैनिक मारे गए और 249 घायल हुए. 493 चरमपंथी या आम नागरिक मारे गए, 86 घायल हुए और 1592 को गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद से पूरे सिख समुदाय में इंदिरा गांधी को लेकर नफरत फ़ैल गयी। पहला कारण ये था कि उन्होंने मंदिर के अंदर सैनिक भेजे थे। ये नाराजगी इतनी बढ़ गई थी कि 4 महीने बाद मर्डर प्लानिंग कर इंदिरा गांधी के उनके ही सिख बॉडीगार्ड बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उनकी हत्या कर दी

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