Bihar Lockdown: मजदूर लौटे तो लहलहाने लगी सियासत की फसल, वोट बैंक बनाने में लगीं पार्टिंयां

पटना, अरविंद शर्मा। लॉकडाउन के दौरान घर लौटे प्रवासी श्रमिकों को अपना बनाने की होड़ उत्‍तर प्रदेश से होते हुए बिहार तक पहुंच गई है। रोजी-रोटी छोड़कर लाखों की संख्या में लोग लौटे हैं तो राजनीतिक दल उन्हें वोट बैंक के रूप में आंकने लगे हैं। श्रमिकों पर सबमें चारों तरफ से कृपा बरसाने की बेताबी है। राष्‍ट्रीय जनता दल समेत तमाम विपक्षी दल संवेदना जता रहे हैं। परेशान श्रमिकों को अपना बता रहे हैं। सत्तारूढ़ दल भी पीछे नहीं हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो चुके हैं।

30 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों के लौटने का अनुमान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक विभिन्न राज्यों से बिहार में करीब 11 लाख से ज्यादा प्रवासी आ चुके हैं। इससे भी ज्यादा लाइन में हैं। प्रशासन की नजरों से बचकर आए प्रवासियों की तादाद भी कम नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक सभी माध्यमों से लौटे प्रवासियों को मिलाकर यह संख्या 30 लाख से ज्यादा हो सकती है। सबके परिजनोंं को भी जोड़ लिया जाए तो यह संख्या चार से पांच गुणी तक पहुंच सकती है।
विधानसभा चुनाव प्रभावित करने के लिए काफी यह तादाद
इतनी बड़ी संख्या में लौटे प्रवासी परिवार बिहार विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए काफी है। यही कारण है कि कामगारों की परेशानी और आक्रोश को विपक्ष भुनाने में लगा है, जबकि सत्ता पक्ष मरहम लगाने की कोशिश कर रहा है।
चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष, वोटों के लिए जोड़-तोड़ शुरू
विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष हैं। सभी राजनीतिक दलों की सांगठनिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वोटों के लिए जोड़-तोड़ है। लॉकडाउन ने तय कर दिया है कि इस बार का चुनाव अलग तरीके से लड़ा जाएगा। वोटरों को रिझाने-समझाने का तरीका अलग होगा। प्रवासी श्रमिकों की संख्या बड़ा फर्क पैदा कर सकती है।
आरजेडी की लालू रसोई के नाम पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के नाम पर विधायक तेजप्रताप यादव ने गरीबों और मजदूरों को खिलाने की व्यवस्था की। नाम रखा लालू रसोई। आरजेडी के नेता-कार्यकर्ता इसे जगह-जगह चलाने लगे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड के लोग लालू रसोई को चलने नहीं देना चाहते हैं। वे गरीबों की मदद का विरोध कर रहे हैं। उन्‍होंने प्रशासन के जरिए एक-दो जगहों से इसे हटाने का भी आरोप लगाया। आग्रह किया कि भोजनालयों से राजद का बैनर भले हटा दीजिए, लेकिन मजदूरों को खाना खाने दीजिए।
आरोपों पर बोला जेडीयू- राजनीति कर आरजेडी
उधर, जेडीयू ने तेजस्वी के आरोपों को खारिज करते हुए जवाब दिया कि लालू रसोई के नाम पर आरजेडी राजनीति कर रहा है। जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि लालू रसोई में भोजन नहीं कराया जा रहा है, बल्कि वहां श्रमिकों को आरजेडी की सदस्यता दिलाई जा रही है। गरीबों की सेवा से लालू परिवार का वास्ता नहीं है।

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