भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र के बाद बिहार सरकार के परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थल बदल-बदल कर लगातार वाहनों की जांच की जाए। अगर मालवाहक प्रवासियों को लेकर आते हैं तो ऐसे वाहनों पर जब्त करने की भी कार्रवाई की जाए। क्योंकि ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है तथा प्रशासन को प्रवासियों के बारे में जानकारी भी नहीं हो पाएगी। दरअसल बिहार सरकार के परिवहन मंत्रालय की ओर से जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 के क्रम में लॉकडाउन को मद्देनजर रखते हुए राज्य से श्रमिक एवं अन्य लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनों से बिहार वापसी कराई जा रही है। जिसमें सुरक्षित परिवहन एवं विशेष ट्रेनों का परिचालन भी किया गया है तथा बॉर्डर पर आने के बाद अंतर जिला के लिए भी बसें और ट्रेन चलाई जा रही है। लॉकडाउन की अवधि में मालवाहक वाहनों का परिचालन रखा गया है। लेकिन कई बार देखा गया है कि मालवाहक वाहनों पर यात्रियों का परिवहन मोटर वाहन अधिनियम के तहत विपरीत हैं। मालवाहक में अंदर छिपकर मजदूर जाते हुए पाए जाते हैं। वहीं कई बार ऐसे में दुर्घटना भी हो जाती है। जबकि चोरी छिपे मालवाहक के माध्यम से प्रवासी गांव भी पहुंच जाते हैं । ऐसे में कोरोना का संक्रमण और भी बढ़ सकता है। इसको लेकर वाहनों में लगातार जांच की आवश्यकता है । परिवहन विभाग की ओर से थानाध्यक्ष, पुलिस निरीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य सक्षम पदाधिकारी एवं परिवहन विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा जांच करने के लिए निर्देश दिया गया है। जिसमें चेक पोस्ट पर अन्य राज्यों से आने वाले मालवाहक वाहनों में यात्री सवार ना हो, इसकी जांच सुनिश्चित हो। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राजकीय राजमार्ग पर स्थान बदल बदल कर औचक निरीक्षण हो। इसके लिए कई दल भी गठित किए जाएं। वैसे मालवाहक वाहक यात्रियों को लाया जा रहा हो, उस पर विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
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Posted By: Jagran
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