Corona effect : अब हुनर की कैंची से कटेगी 'बेकारी'

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से बेरोजगार हो कर लौट रहे प्रवासियों को जिले में रोजगार मिलेगा। जिला प्रशासन इसके लिए पहल कर रहा है। इन प्रवासियों के हुनर की पहचान कर श्रम विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। प्रवासियों को उनके हुनर के अनुसार काम दिया जाएगा।

इन प्रवासियों को जरूरत के अनुसार अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा, ताकि अपनापन महसूस हो। इनमें से ज्यादातर लोग सालों से दूसरे राज्यों में राज मिस्त्री, कपड़े की सिलाई, चमड़ा उद्योग, मशीन मरम्मत वर्कशाप, प्लंबर, बढ़ई, रंगाई, इंटीरियर डेकोरेशन आदि का काम कर रहे थे। कोरोना संकट में बेरोजगार हो घरों को लौटे हैं। ऐसे में सरकार का यह प्रयास उनके घावों को भरने का काम करेगा और वे फिर से नई जिंदगी की शुरुआत कर सकेंगे।
राजकोट में सबमर्सिबल पाइप ढालने और लगाने का काम करने वाले सैनो गांव निवासी गुंजन कुमार, सोनूडीह निवासी चुन्नु कुमार और राजकुमार साह निराश हैं। काम छोड़ लौटने पर अब उन्हें उम्मीद नहीं कि यहां काम मिलेगा। टेलङ्क्षरग का काम करने वाले कबीरपुर निवासी मुहम्मद बसीम, ब्लेजर, कोट, शेरवानी बनाने वाले किलाघाट निवासी मुहम्मद परवेज भी उहापोह की स्थिति में हैं। उन्हें लगता नहीं कि यहां कोई काम मिलेगा। गोराडीह निवासी योगेंद्र बिंद, पालो यादव, अनारसी मंडल का कहना है कि जिंदा बचेंगे तो फिर वापस गुजरात जाएंगे। इस बीच यहां यदि काम मिल जाए तो बाहर नहीं जाने की सोचेंगे।
इन इलाकों के ज्यादा प्रवासी
गोराडीह, शाहकुंड, रंगरा चौक, खरीक, बिहपुर, नारायणपुर, सबौर, सन्हौला, कजरैली, जगदीशपुर, अकबरनगर, सजौर, नाथनगर, इस्माईलपुर, गोपालपुर, पीरपैंती

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