लगातार ड्यूटी कर रहा सिपाही निकला कोरोना पॉजिटिव, लंबी चेन बनने की आशंका

बिहारशरीफ : सोमवार को एक सिपाही समेत दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें लॉकडाउन में लगातार ड्यूटी कर रहा पुलिस का जवान भी शामिल है। इससे पुलिस व स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। उसके कारण संक्रमितों की लंबी चेन बनने की आशंका जताई जा रही है। बहरहाल, इन दो ताजा मामले के बाद जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 89 हो गई है।

दीपनगर थाना में पदस्थापित सिपाही शहर के चौक-चौराहों पर ड्यूटी कर रहा था। उसकी तबियत खराब हुई तो संक्रमित होने की आशंका के बाद उसका सैम्पल लेकर जांच को भेजा गया। जांच रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आई। इस बात की पुष्टि सिविल सर्जन डॉ राम कुमार ने की। बताया कि सिपाही से स्वजन समेत कई लोग सम्पर्क में आए होंगे। उनकी ट्रैवेल हिस्ट्री लेने के बाद उनके सम्पर्क में आए स्वजन व अन्य लोगों की पहचान कर उनका सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। इधर, हरनौत के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक कामगार की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यह युवक बाहर से आया था, जिसे क्वारंटाइन में रखा गया था।
रेलवे सिग्नल के पोल में लटका मिला युवक का शव, स्वजन ने जताई हत्या की आशंका यह भी पढ़ें
बता दें कि बिहारशरीफ के खासगंज में दुबई से आए एक युवक के पॉजिटिव होने के बाद उनके सम्पर्क में आए 32 लोगों की लंबी चेन बनी थी। जिसमें एक डॉक्टर भी शामिल थे। हालांकि इलाज के बाद ये सभी लोग स्वस्थ्य हो गए। पिछले 5 मई को बिहारशरीफ में इस चेन का आखिरी पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर आ गया था। इसी के कारण पूरे बिहारशरीफ को कंटेंमेंट जोन माना गया है।
डीपीआरओ ने बताया कि सोमवार को 8 कोरोना संक्रमित स्वस्थ्य होकर घर लौट गए हैं। अब उन्हें 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहना होगा। इस तरह अब तक कुल संक्रमितों में 72 लोग स्व्स्थ्य हो चुके हैं। एक्टिव केस 17 ही रह गए हैं। सोमवार को कुल 35 जांच रिपोर्ट आई, जिनमें 33 निगेटिव व दो पॉजिटिव पाए गए।
............
लॉकडाउन का पालन कर घरों में ही लोगों ने मनाई ईद यह भी पढ़ें
ग्रामीणों ने घुसने नहीं दिया था गांव में
..........
 हरनौत (नालन्दा)। हरनौत का एक और युवक कोरोना से संक्रमित पाया गया। उसे भी राम कृपाल टीचर ट्रेनिग कालेज में रखा गया था। फिर उसे बिहार शरीफ बीड़ी मजदूर अस्पताल में क्वारन्टाइन किया गया था। वह भी दूसरे प्रदेश से आया था। ग्रामीणों ने उसे गांव में प्रवेश नहीं करने दिया था। इधर अस्पताल प्रभारी ने बताया कि संक्रमित युवक के संपर्क में आए लोगों की सूची बनाई जा रही है। हरनौत से जुड़े अब तक पांच एक्टिव केस में दो लोग ठीक होकर होम क्वारनटाइन में हैं।
................
इनसेट : बोल्ड हेडिग में लगाएंगे
.............
विम्स की प्राथमिक जांच में पॉजिटिव मिला मृतक, पटना से पुष्टि का इंतजार
............
- शव को पूर्ण सुरक्षा में सदर अस्पताल में रखा गया
..........
फोटो : 09
..........
संवाद सूत्र, गिरियक : अस्थावां के जीयर गांव के क्वारंटाइन सेंटर से विम्स लाए गए जिस प्रवासी युवक की मौत रविवार की शाम हुई थी, उसकी विम्स में ही कोरोना की हुई प्राथमिक जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। सैम्पल जांच के लिए दोबारा पटना भेजा गया है। वहां से पुष्टि के बाद ही उसे पॉजिटिव या निगेटिव घोषित किया जाएगा। फिलहाल, युवक का शव विम्स से सदर अस्पताल भेज दिया गया है। जहां पूर्ण सुरक्षा के साथ शव को कौफिन में रखा गया है। पटना से फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही दाह-संस्कार के तौर-तरीके का निर्णय किया जाएगा।
विम्स अधीक्षक डॉ ज्ञानभूषण ने बताया कि विम्स में टू नेट मशीन से प्राथमिक जांच में मृतक योगेन्द्र चौरसिया का सैम्पल पॉजिटिव पाया गया है। इस रिपोर्ट की पुष्टि के लिए पटना भेजा गया है। दोबारा जांच रिपोर्ट आने पर ही मृतक को कोरोना पॉजिटिव या निगेटिव घोषित किया जाएगा। बताया कि दो दिन पहले भी विम्स की रिपोर्ट में दो संदिग्ध की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। जिनमें से एक की पटना में हुई जांच के बाद पुष्टि कर दी गई थी। जबकि दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इस तरह उस संदिग्ध को कोरोना संक्रमित नहीं माना गया था। बताया कि अभी तक शव का दाह संस्कार नहीं कराया गया है। शव को पूर्ण सुरक्षा के साथ विम्स से सदर अस्पताल भेजा गया है। पटना से जांच रिपोर्ट की पुष्टि होने के बाद ही आगे का निर्णय किया जाएगा।
..............
इकलौता कमाऊ पुत्र की मौत से टूट गए मां-बाप
............
मृतक योगेन्द्र चौरसिया के घर में कोहराम मचा है। एकमात्र कमाऊ पुत्र की मौत से बूढ़े मां-बाप टूट गए हैं। पत्नी व बच्चे भी हतप्रभ हैं। उनके आंसू भी सूख गए हैं। योगेन्द्र यूपी के नोएडा में किसी स्पो‌र्ट्स कम्पनी में काम करता था। नोएडा से बीते 20 मई को लौटा था। उसके बाद से उसे जीयर गांव के ही क्वारनटाइन सेंटर में रखा गया था। स्वजनों को गम है कि नोएडा से लौटने के बाद जी भर कर देख भी नहीं सके थे और उसने आंखें मूंद लीं। परिवार में बूढ़े मां-बाप के साथ उसकी पत्नी, दो बेटियां एव दो बेटे हैं।
..............
मामूली खांसी समझने से गई बेटे की जान
.............
मृतक के पिता सूरजमल चौरसिया ने बताया कि वह सांस व शुगर की बीमारी से पहले से पीड़ित था। क्वारंटाइन सेंटर में आने के बाद उसकी दवाई खत्म हो गई थी। यहां आते ही उसका दम फूलने लगा था। डॉक्टर ने जांच की, परंतु मामूली खांसी समझकर इलाज किया। जिससे उसकी हालत बिगड़ती गई। रविवार को उसकी खांसी रूक ही नहीं रही थी, तब उसे विम्स भेजा गया। अगर यही काम पहले किया गया होता तो बेटा बच सकता था।
................
लॉकडाउन के पहले छोटे भाई की पत्नी का हुआ था देहांत
............
ग्रामीण दानी पासवान ने बताया कि मृतक योगेन्द्र के छोटे भाई प्रमोद की पत्नी मौत लॉकडाउन के पहले हुई थी। क्रियाकर्म में शामिल होकर वह जैसे ही नोएडा लौटा कि लॉक डाउन हो गया था। वह घर का बड़ा बेटा था। इस कारण पूरे घर की जिम्मेवारी उसके उपर ही थी। अस्थावां सीओ सुनील कुमार ने बताया कि योगेन्द्र की मौत की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद उसके आश्रितों को मुआवजा दिलाया जाएगा।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार