सदर अस्पताल में थायराइड जांच की व्यवस्था नहीं, मरीज परेशान

इस समय पूरे देश में अन्य बीमारियों की अपेक्षा थायराइड भी लगातार पांव पसार रहा है। लोग थायराइड बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। पूर्व में थायराइड के मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही थी। लेकिन, थायराइड आज के दौर में आम बीमारी है। खासकर शहर में संचालित प्राइवेट अस्पतालों में थायराइड जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सरकारी स्तर पर अस्पतालों में थायराइड जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे सदर अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों को चिकित्सक द्वारा बाहर से जांच कराने की सलाह दी जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर रोगियों को दवा खाने का सलाह दी जाती है। ऐसे विभाग की ओर से थायराइड बीमारी से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। हालांकि इस साल कोरोना महामारी को लेकर थायराइड दिवस पर सोमवार को कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होता है थायराइड

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- सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि थायराइड किसी भी उम्र के व्यक्तियों में हो सकता है। इस बीमारी से पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा ग्रसित हो रही है। इस बीमारी में शरीर में हार्मोन की मात्रा अधिक हो जाती है। हार्माेन की अधिकता होने से शरीर के हर कार्य में तेजी आने लगती है। थायराइड बीमारी के लक्षण
- भूख में वृद्धि, चिता, गर्मी अधिक लगना, बाल झड़ना, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी, थकान, चिड़चिड़ापन, कंपन व पसीना अधिक निकलना थायराइड का प्रमुख लक्षण है। इसके अलावा मोटापा, नींद नहीं आना, आंख में जलन आदि होना शामिल है। इस तरह की शिकायत होने पर मरीजों को चिकित्सक की सलाह से दवा का सेवन करना चाहिए। थायराइड बीमारी का उपचार
- थायराइड बीमारी से पीड़ित मरीजों को प्रारंभिक उपचार में हार्माेन की अधिकता को रोकने का उपाय होना जरूरी है। हार्माेन की कमी होने पर मरीजों को जल्द आराम मिल सकेगा। प्रारंभिक इलाज में मरीज को दवा की उच्च खुराक देना आवश्यक होता है। थायराइड हार्माेन को पूरी तरह से बंद करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा का सेवन करना जरूरी है। आयोडिनयुक्त नमक का सेवन करना चाहिए। कहते हैं अधिकारी
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- इन दिनों अन्य बीमारियों की अपेक्षा थायराइड बीमारी के रोगी में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। अनियमित खानपान से थायराइड बीमारी से लोग ग्रसित हो रहे हैं। विभागीय स्तर पर सरकारी अस्पतालों में थायराइड जांच की व्यवस्था नहीं की गई है। सदर अस्पताल पहुंचने वाले थायराइड के मरीजों को बाहर से जांच कराने की सलाह दी जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सकों द्वारा इलाज कर दवा सेवन करने की सलाह दी जाती है। गंभीर मरीजों को पटना रेफर कर दिया जाता है। ऐसे विभाग की ओर से थायराइड से बचाव को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अस्पताल पहुंचने वाले अन्य रोगियों को इलाज की समुचित सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. विमल प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन,नवादा।
Posted By: Jagran
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