आइए जाने, कोरोना वायरस जुड़े इन मिथ के बारे में

इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं. इन्हें लेकर आम लोगों में बहुत ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, इस बारे में आपको बता रहा है 'हिन्दुस्तान

मिथ: संक्रमण से बचने के लिए सभी को इनहेलर लेना चाहिए. सच्चाई: ऐसा बिलकुल न करें. इनहेलर दमा के मरीजों को दिया जाता है. कोविड-19 के कुछ मरीजों को सांस संबंधी परेशानी होने पर राहत देने के लिए डॉक्टर निबूलाइजर या इनहेलर प्रयोग करते हैं पर यह सभी के लिए नहीं है. स्वस्थ लोगों को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए.
मिथ: आरोग्य सेतु किसी संक्रमित के पासआने पर सायरन देता है. सच्चाई: इन दिनों यह समाचार बहुत ज्यादा प्रचलित है कि अगर आपने अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल किया है, तो उससे उस समय सायरन की आवाज आएगी, जब कोई कोविड-19 संक्रमित आदमी आपकी तरफ आएगा या पास से गुजरेगा. यह बात हकीकत नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वास्तव में आरोग्य सेतु एप में कोई इनबिल्ट सायरन होता ही नहीं. हां, यह आपको अलर्ट जरूर भेजता है.
मिथ: बच्चों संग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा कर सकते हैं. सच्चाई लॉकडाउन में ढील दी गई है, पर वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है. बेहद महत्वपूर्ण होने पर बच्चों के साथ थोड़ी दूर तक जा सकते हैं, पर सार्वजनिक वाहन में बच्चों के साथ यात्रा न करना ही बेहतर है. छोटे बच्चों में आसपास की सतह को छूने, चेहरे व आंखों पर हाथ लगाने या चीजों को मंुह में डालने की आदत होती है. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.

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