अरवल में 2.60 लाख मानव श्रम दिवस का सृजन : डीएम

अरवल : अरवल जिले में उद्योग और कारखाने तो नहीं है लेकिन बेरोजगारी को दूर करने के लिए मनरेगा के तहत नियोजन का अवसर दिया जा रहा है। जिले में 2.60 लाख मानव श्रम दिवस का सृजन कर करीब 14 हजार से अधिक परिवारों में जॉब कार्डधारकों को काम में लगाया गया है। यह जानकारी जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी ने गुरुवार को दी।

बताया गया कि अप्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने से संबंधित तकनीकी अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित किया गया। अब तक इस जिले में 161 प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि 14 हजार 351 परिवार के 15 हजार 638 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के तहत दो लाख 60 हजार 51 मानव दिवस का सृजन कराया गया है। बाहर से आए 381 प्रवासी मजदूरों ने मनरेगा के तहत कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है। अब तक 156 मजदूरों को नया जॉब कार्ड निर्गत किया गया है। 175 मजदूरों को पूर्व से निर्गत उनके परिवार के जॉब कार्ड के साथ जोड़ा गया है। इसी में से 161 प्रवासी मजदूरों को काम भी दिया गया है। 65 ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1714, जल जीवन हरियाली के तहत 1172 कार्य चल रहे हैं। जितने भी प्रवासी मजदूर बाहर से आ रहे हैं और वे मजदूरी करना चाहते हैं तो उनलोगों को जॉब कार्ड निर्गत किए जाने का निर्देश दिया गया है। पहले से ही 435 जॉब कार्डधारी काम कर रहे हैं। डीएम ने कहा कि इसके अलावा भी जो मजदूर काम करना चाहते हैं उन्हें काम दिया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया गया कि आपके क्षेत्र में जो भी पेड़ सुखे हुए हैं उसकी जानकारी डीएफओ को उपलब्ध कराएं। ताकि उसकी कीमत निर्धारित कर निलामी की प्रक्रिया पूरी की जा सके। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि सभी स्कूल परिसर का निरीक्षण कर सुखे पेड़ों की सूचना डीएफओ को उपलब्ध कराएं। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता को यह निर्देश दिया किया कहीं उजला तार नजर नहीं आए कहीं भी तार की स्थिति जर्जर हो उसे बदलें तथा लूंज तार को भी टाइट कराएं। इस कार्य में जो भी लोग लापरवाही बरतेंगे उनपर एफआईआर दर्ज किया जाएगा। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के तहत सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि क्वारंटाइन के पहले एक सौ बेड व्यवस्था के अलावा भी उसकी क्षमता बढ़ाएं। इधर काफी संख्या में दूसरे राज्यों से प्रवासी आ रहे हैं। प्रत्येक हेड क्वारंटाइन में भी कम से कम 50 बेड की व्यवस्था करें। आने वाले सभी प्रवासियों की चिकित्सा जांच अच्छी तरीके से होनी चाहिए। कोई व्यक्ति जांच से छुटना नहीं चाहिए। बैठक में डीडीसी राजेश कुमार तथा सिविल सर्जन डॉ अरविद कुमार आदि लोग भी मौजूद थे।
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Posted By: Jagran
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