इंटरकोर्स की समस्या से जूझ रही हैं तो कारण और संभावित उपायों के बारे में जानिए

फिजिकल इंटिमेसी जीवन का एक अहम हिस्सा है। महिलाएं जिस तरह की सेक्शुअल लाइफ जीती हैं, उसका उनकी जिंदगी पर व्यापक असर पड़ता है। अगर आपको इंटरकोर्स में समस्या आ रही है तो आपके लिए उसकी वजह जानना जरूरी है। अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं तो यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। इस बारे में हमने बात की Dr. Parag Patil (M.D., DGO) से और उन्होंने हमें इस विषय में अहम जानकारी दी-

इंटरकोर्स में समस्या आने के पीछे हो सकते हैं ये कारण

जब महिलाएं संबंध बनाने में समस्या का सामना करती हैं तो यह female sexual dysfunction के नाम से जाना जाता है। Dysfunction किसी तरह की बीमारी नहीं होती, लेकिन यह किसी बीमारी की वजह से हो सकता है। Sexual Dysfunction कुछ समय के लिए भी हो सकता है या फिर जीवनभर भी रह सकता है। यह स्थिति sexual desire ना होने, अराउज ना होने, ऑर्गेज्म तक ना पहुंच पाने या इंटरकोर्स के दौरान दर्द होने के रूप में सामने आ सकती हैं। इंटरकोर्स में समस्या आने पर रिलेशिनशिप में दरार पड़ सकती है। जो महिलाएं इन समस्याओं से जूझ रही हैं, उन्हें इमोशनल और मेंटल प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। महिलाओं में सेक्शुअल डिसऑर्डर को मोटे तौर पर चार कैटेगरी में बांटा जा सकता है-
किसी महिला के लिए अपने जीवनकाल में इस तरह की समस्या का सामना करना बहुत असामान्य बात नहीं है। ज्यादातर महिलाओं की संबंध बनाने में इच्छा नहीं रहती और वे इसके लिए यही कहती हैं कि उनका मूड नहीं है। कुछ महिलाएं लंबे समय तक इस समस्या का सामना करती हैं। इससे उनके और उनके पार्टनर के बीच तनाव बढ़ता है। इन सेक्शुअल प्रॉब्लम्स का ट्रीटमेंट संभव है। इसके लिए सबसे अहम चीज यह है कि डॉक्टर से इस विषय पर सलाह ली जाए और समस्या की जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया जाए।
समस्या के कारण

फिजिकल या बायोलॉजिकल- हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे कि थायरॉइड और डायबिटीज आदि के कारण वेजाइना में लुब्रिकेशन कम हो सकता है। इससे संबंध बनाने के दौरान मुश्किलें आ सकती हैं और दर्द की समस्या हो सकती है। हार्मोन्स के स्तर में अनियमितता आने से संबंध बनाने की इच्छा कम होने और लुब्रिकेशन कम होने जैसी चीजें देखने को मिल सकती हैं। इससे इंटरकोर्स की क्वालिटी और फ्रीक्वेंसी, दोनों प्रभावित हो सकते हैं। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण भी संबंध बनाने में इच्छा घट सकती है। वेजाइनल इन्फेक्शन और प्राइवेट पार्ट्स की दूसरी छोटी या लंबी अवधि की हेल्थ प्रॉब्लम्स से संबंध बनाने की इच्छा में कमी आ सकती है।
साइकोलॉजिकल - किसी भी इंसान के शारीरिक संबंधों में भावनाएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। स्ट्रेस, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से फिजिकल रिलेशन्स पर असर पड़ सकता है। व्यक्तिगत विश्वास, फिजिकल इंटिमेसी को अहमियत, सेक्स से जु़ड़े सामाजिक-सांस्कृतिक फैक्टर्स पार्टनर के साथ कंफर्ट लेवल और रिलेशनशिप जैसी चीजें किभी भी इंसान की फिजिकल रिलेशन्स पर असर डालते हैं।
आसान उपाय
इंटरकोर्स में आने वाली समस्याओं के कुछ आसान हल इस प्रकार हैं-
ज्यादातर मामलों में समस्या अस्थाई कारणों से होती है और समय के साथ खत्म हो जाती है या फिर डॉक्टरी मदद से उसका हल निकल आता है। लेकिन अगर इंटरकोर्स में लगातार समस्या आ रही है तो इसके लिए ट्रेंड मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह लेनी चाहिए। इसके लिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखेंगे, फिजिकल और साइकोलॉजिकल पैरामीटर्स पर आपकी जांच करेंगे और आपके फिजिकल रिलेशन्स की हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेंगे और इसके आधार पर वे समस्या का समाधान बताएंगे।
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Reference:
http://www.ashasexualhealth.org/sexual-health/womens-health/sexual-difficulties/
https://www.healthywomen.org/condition/sexual-dysfunction

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