शहर से लेकर गांव तक एपवा समर्थकों ने दिया धरना

अरवल। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का कर्ज माफ किए जाने के साथ ही विभिन्न मांगों पर जोर डाले जाने के उद्देश्य से शुक्रवार को एपवा के बैनर तले समूह से जुड़ी महिलाओं ने शहर से लेकर गांव तक धरना दिया। लॉकडाउन को लेकर उनलोगों द्वारा शारीरिक दूरी का भी अनुपालन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने लॉकडाउन से प्रभावित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ किए जाने की मांग की। उनलोगों ने माइक्रो फाइनांस कंपनियों द्वारा दिए गए कर्जों का भुगतान किए जाने की मांग की। उनलोगो ने कहा कि हर समूह को उसकी क्षमता के अनुसार या कलस्टर बनाकर रोजगार का साधन उपलब्ध कराए जाने के साथ ही स्वयं सहायता समूह के उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है। धरना के माध्यम से महिलाओं को ब्याजरहित ऋण उपलब्ध कराए जाने, न्यूनतम 15 हजार रूपए मासिक मानदेय देने की भी मांग की गई। कलेर, करपी तथा कुर्था प्रखंड के दर्जनों गांवों में धरना का आयोजन किया गया। मसूदा बालापर में धरनार्थियों को संबोधित करते हुए माले के जिला सचिव महानंद ने कहा कि कोरोना बीमारी को लेकर संचालित लॉकडाउन के चलते पूरी तरह से अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसका सीधा असर ग्रामीण महिलाओं पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने पहले से ही अपनी जीविका चलाने के लिए संस्थानिक कर्ज ले रखी है। अब वह पूरी तरह कर्ज लौटाने में अक्षम है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह उन महिलाओं का कर्ज माफ करे।

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Posted By: Jagran
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