नमक के पानी से गरारे करने पर संक्रमण के लक्षणों को किया जा सकता हैं कम

पचार या वैक्सीन तो अभी तक नहीं मिला है लेकिन आयुर्वेद में इस वायरस से बचने के व इससे लड़ने के कई तरीका अच्छा साबित हो रहे हैं। हालांकि हिंदुस्तान मे कई ऐसे घरेलू नुस्खे आजमाए जा रहे हैं जिनकी मदद से बीमारी से बचा जा सकता है।

ऐसा ही एक नुस्खा है नमक के पानी से गरारे करने का लेकिन अब इन नुस्खों पर ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने मुहर लगा दी है।
ब्रिटेन की एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक नमक के पानी से गरारे करने पर संक्रमण के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ बीमारी की अवधि को भी कम किया जा सकता है।
ये रिसर्च कोरोना का शिकार हुए 66 मरीजों पर 12 दिनों तक किया गया। शोध के लिए इन मरीजों को उपचार के साथ-साथ नमक के पानी के गरारे कराए गए। 12 दिन के बाद इन मरीजों की नाक से सैंपल लिए गए। जिसमें संक्रमण के लक्षणों में कमी देखी गई।
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जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित इस शोध में सामने आया है कि जिन मरीजों ने नमक के पानी से गरारे किए उनमें 2.5 दिन तक संक्रमण कम पाया गया। शोधकर्ताओं का दावा है कि गरारे करने का कोरोना के संक्रमण पर असर पड़ता है व इससे कम समय में बीमारी से अच्छा होने में मदद मिलती है।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय वायरस विशेषज्ञों ने भी माउथवॉश के प्रयोग से कोरोना का प्रभाव कम होने का दावा किया था। जिसमें ये बोला गया था कि माउथवॉश कोशिकाओं को संक्रमित करने से पहले कोरोना वायरस को समाप्त करता है।
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हाल ही में हिंदुस्तान सरकार के आयुष मंत्रालय की तरफ से भी कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए गर्म पानी पीने की सलाह दी गई थी। आयुष मंत्रायल की गाइडलाइन के मुताबिक गर्म पानी से प्रातः काल शाम गरारा करने से गला साफ रहता है।

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