देश में 1.91 फीसदी को ऑक्सीजन की जरूरत, पढ़े

27 मई को देश में कुल 83,004 सक्रिय मामलों में से 3500 से कम मरीजों को ऑक्सीजन थैरेपी, आइसीयू या वेंटिलेटर की आवश्यकता थी.

कुल संक्रमितों में से 1868 मरीजों को आइसीयू (2.25 प्रतिशत) की आवश्यकता थी. इसमें से सिर्फ तीन वेंटिलेटर पर थे. 1585 मरीज (1.91 प्रतिशत) ऑक्सीजन पर थे. यह मांग प्रारम्भ से अब तक यही है. 15 मई तक देश में 18855 वेंटिलेटर उपलब्ध थे. इसके अतिरिक्त सरकार ने 60 हजार व वेंटिलेटर का आदेश दिया है.
तीन राज्यों में एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं छत्तीसगढ़, झारखंड व बिहार में जहां प्रवासियों के पहुंचने के बाद संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन राहत की समाचार यह है कि अब तक वहां एक भी मरीज वेंटिलेटर, ऑक्सीजन या आइसीयू में नहीं है. हालांकि विशेषज्ञ इसे महामारी का प्रारंभिक चरण बता रहे हैं. 27 मई तक यूपी में 2,680 सक्रिय मामलों में से 61 को आइसीयू व 38 को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी. किसी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता नहीं पड़ी. देश में 1.91 फीसदी को ऑक्सीजन की जरूरत देश में सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. 27 मई को, जब महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 36012 थी, तो ऑक्सीजन पर सिर्फ 796 (2.21 प्रतिशत) लोग थे, जबकि दिल्ली में 6954 सक्रिय मामलों में से 248 (3.56 प्रतिशत) ऑक्सीजन पर थे. देश में 1.91 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है जो कुछ दिनों बाद ही स्वस्थ हो जाते हैं. यदि ऑक्सीजन नहीं दी जाती है तो आंतरिक अंगों के नुकसान की संभावना बढ़ती है.
पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में करीब 10.34 फीसदी को आइसीयू व 5.8 फीसदी को ऑक्सीजन की आवश्यकता है. अब तक 295 मौतें हो चुकी हैं. मध्यप्रदेश में 7.85 फीसदी मरीज ऑक्सीजन पर व 6.44 फीसदी आईसीयू में थे. अब तक 321 मौतें हो चुकी हैं. पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश को छोड़कर देखें तो ऑक्सीजन थैरेपी की अपेक्षा वेंटिलेटर का इस्तेमाल की आवश्यकता बहुत ज्यादा कम पड़ी. पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और आइसीएमआर के मेम्बर डाक्टर के। श्रीनाथ रेड्डी का बोलना है कि क्रिटिकल केयर के उपकरणों सीमित मांग का अर्थ है कि मरीजों की हालत अपेक्षाकृत गंभीर कम हो रही है.
कोरोना से लडऩे के लिए तैयारी देश में 69 फीसदी संक्रमितों में हल्के लक्षण व 15 फीसदी से कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है. हल्के लक्षण वाले मरीजों को ज्यादातर क्वॉरंटीन सेंटरों में रखा जा रहा है. दशा बिगडऩे पर उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाता है. देश में 27 मई तक 930 कोरोना स्पेशल हॉस्पिटल में 158747 आइसोलेशन बेड, 20355 आइसीयू बेड, 69076 ऑक्सीजन सुविधा युक्त बेड थे. इसके अतिरिक्त 2362 स्वास्थ्य सेंटरों में 132493 आइसोलेशन बेड, 10341 क्वॉरंटीन सेंटर व 7195 कोविड केयर सेंटरों में 652830 बेड की व्यवस्था की गई है. अब तक 33.62 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं.

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