बेहतर स्वास्थ्य के लिए तम्बाकू सेवन से करें परहेज



सहरसा। कई खतरनाक बीमारियों की शुरुआत के पीछे तंबाकू का सेवन मुख्य कारण माना जा रहा है.। तम्बाकू के सेवन के प्रति रूचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है.। तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है. कहने को तो बिहार में गुटखा, पान मसाला पर प्रतिबंध लगा हुआ है. बावजूद शहर से लेकर गांव की दुकानों में गुटखा, पान मसाला की बिक्री जोरों पर हो रही है. यही नहीं लॉकडाउन के दौरान गुटखा व पान मसाला तीन गुणा अधिक कीमत पर बेची गई।
----- खतरनाक बीमारियों की शुरुआत का जड़ है तम्बाकू

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सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कई खतरनाक बीमारियों की शुरुआत तम्बाकू सेवन से होती है. सबसे खतरनाक बीमारी मानी जाने वाली कैंसर भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है । फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है. । क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की प्रभावना ज्यादा होती है.। दुनियां में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े का कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है.। खैनी, गुटखा, जर्दा, पीलापत्ति आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है. । इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है.।
---- तम्बाकू नियंत्रण के लिए शुरुआत खुद से करना जरूरी
----- तम्बाकू नियंत्रण की शुरुआत सभी लोगों को खुद से या अपने आस पास से करनी चाहिए. । जब आप खुद इसके बारे में जागरूक रहेंगे तो लोगों को जागरूक करना आसान हो जाएगा.। इसके साथ ही लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाले बीमारियों की भी जानकारी होना जरूरी है. बहुत से लोग तो जान कर भी अनजान बने रहते है. और तम्बाकू सेवन करते है पर ऐसी स्थिति में अगर उन्हें कुछ हो जाता है तो इसकी समस्या उनके परिवार को उठानी पड़ती है.।
----- रोकथाम के लिए कोटपा अधिनियम
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सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने बताया लोगों में तम्बाकू की बढ़ती लत को रोकने के लिए सरकार द्वारा भी ठोस कदम उठाए गए हैं. । तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा बनाया गया है. । अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन करते हुए पाया जाता है तो कानून द्वारा उन्हें दंड भी दिया जाता है.। इसके अलावा अभी कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर तम्बाकू सेवन करते हुए या थूकते हुए पाया जाता है तो उसे आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान लागू किया गया है.।
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तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून
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- सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है।
- तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर एक से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है।
- 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है।
- बिना चित्रित व पैकेट के 85 फीसद भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर दो से पांच साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
Posted By: Jagran
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