पशु चारा की कमी से जूझ रहे पशुपालक

जहानाबाद : पशु चारा की ढुलाई पर रोक तो नहीं है लेकिन जहानाबाद में कमी हो गई है। दुधारू मवेशी के लिए पौष्टिक आहार की कीमत स्थानीय स्तर पर बढ़ गया है।

मखदुमपुर निवासी राधे यादव बताते हैं कि उनके पास जो मवेशी हैं उससे रोजाना 60-70 लीटर का दूध उत्पादन होता है। पौष्टिक पशु दाना की महंगाई के कारण जितनी मात्रा में खिलाते है बजट से बाहर हो गया है। नतीजा है कि दूध का उत्पादन घट रहा है। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर धराउत के नागेंद्र दूध का व्यापार करते हैं। उनके खटाल में 15 गाय और भैंस हैं। अन्य पशुपालकों से दूध एकत्र कर मखदुमपुर ले जाते हैं। लॉकडाउन के कारण स्थानीय स्तर पर मवेशियों को चोकर-खली देते थे। पशु आहार का हाल यह है कि एक बोरी चोकर जो 1000 रुपये से बढ़कर 1600 रुपये में मिल रहा है।
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पशु आहार की कमी के साथ ही पशु पालकों को एक परेशानी और भी हो रही है, कि वो दूध कहां बेचें। ज्यादातर लोग चाय की दुकान और होटलों पर दूध देते हैं। लेकिन सब बंद हो गए हैं। अब जो दूध हो रहा है उसे भी बेचने में दिक्कत आ रही है।
पशु चारा की विक्रेता अर्जुन बताते हैं कि आपूर्ति में कमी हो गई है। मांग के अनुरूप पशु चारा नहीं आ रहा है। पहले आर्डर देने के दो-तीन दिन के अंदर ही चारा और दाना उपलब्ध हो जाता था। लेकिन इधर आर्डर दिए हुए 15 दिन से ज्यादा समय हो गए अभी तक नहीं पहुंच सका है।
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Posted By: Jagran
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