हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते..

औरंगाबाद। हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते हैं, हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं.. का उदाहरण पेश करते हुए कोरोना संक्रमित घर पहुंच ग्रामीणों का हौसला बढ़ा रहे हैं। वे बता रहे हैं कि कोरोना से डरने की नहीं, निडर होकर लड़ने की जरूरत है। कोरोना के खौफ से बाहर निकले लोगों का हौसला देख यही लगता है 'कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा।' जिले में स्वस्थ्य होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 67 हो गई है। जबकि 29 स्वस्थ होकर चले गए हैं। ये वो लोग हैं, जो कोरोना से जंग जीत चुके हैं। शुरुआती दौर में कोरोना की चपेट में आए देव प्रखंड के पवई गांव निवासी रमन के हौसले बुलंद हैं। रमन ने बताया, पहले थोड़ी झिझक हुई, परंतु जब आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा और वहां रहने लगा तो कोई परेशानी नहीं हुई। बगैर दवा के ही ठीक हो गया। 15 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड में रहना पड़ा। वहां सामान्य खाना खाते थे। इम्युनिटी बढ़ाने की बात कही जा रही है, परंतु मैं कह रहा हूं कि इस बीमारी से डरें नहीं, सिर्फ हौसला रखें तो सब ठीक हो जाएगा।
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देव प्रखंड की पवई पंचायत के धर्मपुर गांव निवासी राहुल कुमार पासवान भी शुरुआती दौर में कोरोना से संक्रमित हुआ था। 24 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आई थी। 15 दिनों तक आइसोलेशन में रहा और ठीक होकर घर चला गया। उससे जब पूछा गया तो जवाब मिला-हर रोज गिरकर भी मुकम्मल खड़े हैं, ऐ जिदगी देख मेरे हौसले तुझसे बड़े हैं। बेबाक अंदाज में कहा, देखिए मैंने दवा से नहीं हौसले से कोरोना को पस्त किया है। जम्होर के कमलेश साव ने भी 15 दिनों में कोरोना से जंग जीत ली। कोरोना के खौफ से बाहर निकलने के बाद बोला कि मैं सात दिनों तक मध्य विद्यालय में क्वारंटाइन रहा। कोरोना की रिपोर्ट जब पॉजिटिव आई तो यहां से बंधन रिसॉर्ट स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। मुझे कभी डर नहीं लगा। सामान्य खाना खाकर मैं बगैर दवा के ठीक हो गया। मुझे अब कोई परेशानी नहीं है। कोरोना के भय ने मुझे कभी भयभीत नहीं किया। इसी तरह का संदेश कोरोना से जंग जीत घर गए खुदवां थाना क्षेत्र के चातर गांव निवासी अनिल कुमार सिंह, जम्होर के सुनील साव ग्रामीणों को दे रहे हैं। कोरोना से जंग जीतने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक जिले में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है जो जिले के लिए शुभ संकेत है। कोट--
कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। कोरोना के खौफ से लोग अब बाहर निकल रहे हैं। कोरोना संक्रमित को आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है। लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा रहे हैं। वे ग्रामीणों को बता रहे हैं कि कोरोना से डरें नहीं, लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है।
-कुमार मनोज, डीपीएम, औरंगाबाद।
Posted By: Jagran
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