मानसून की पूर्व तैयारी में जुटा नप, नाला की हो रही साफ-सफाई

सुपौल। मानसून ने देश में दस्तक दे दी है। 15 जून तक मानसून के बिहार पहुंचने की संभावना है। मानसून को देखते हुए नगरपरिषद सुपौल ने भी तैयारी शुरू कर दी है। जल निकासी को सुदृढ़ करने की गरज से नगरपरिषद नाला की सफाई में जुटा हुआ है। नगरपरिषद क्षेत्र के छोटे-बड़े सभी नाला की सफाई हो रही है। उद्देश्य है कि इस मानसून के दौरान शहरवासियों को जलजमाव से फजीहत उठानी न पड़े। नगरपरिषद अपने संसाधनों व आउटसोर्सिंग के कर्मियों के साथ नाला सफाई अभियान में जुटा हुआ है। सुपौल के साथ विडंबना है कि अब तक शहर का पानी रेलवे के बड़े नाले के सहारे शहर से बाहर निकलता था। कितु आमान परिवर्तन के बाद रेलवे का वह बड़ा नाला सिकुड़ सा गया है और शहर के पानी के निकासी की दृष्टि से उपयुक्त नहीं रह गया है। जलजमाव से शहर को निजात दिलाने की गरज से लगभग 22 करोड़ की लागत से ड्रेनेज निर्माण का कार्य का शुरु किया गया। कितु वह भी अभी आधा-अधूरा पड़ा है। ऐसी स्थिति में मानसून के बारिश का पानी शहर से बाहर निकालने की समस्या सामने आएगी और इससे शहरवासियों के साथ-साथ नगर परिषद को भी दो-चार होना ही होगा।


विगत 2 वर्ष से मानसून के दौरान शहरवासियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। गत वर्ष तो बारिश के पानी ने जैसे आधे शहर को ही अपनी चपेट में ले लिया था और कई दिनों तक लोगों को जलजमाव की समस्या से जूझना पड़ा था। समाहरणालय, प्रखंड कार्यालय, पुलिस लाइन, पावर ग्रिड, सुपौल डेयरी, डिग्री कॉलेज, बीएसएस कॉलेज सुपौल, स्टेडियम, बीएसएस कॉलेज रोड, पुलिस अधीक्षक आवास, गांधी मैदान आदि जगहों पर कई दिनों तक जलजमाव रहा था और पंपसेट की सहायता से इन जगहों से पानी कई दिनों बाद निकल पाया था।
इस मानसून में भी शहर वासियों को जलजमाव की समस्या से जूझना पड़े तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी नगरपरिषद भले ही नाला की सफाई करवा ले कितु जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण जलजमाव के आसार तो दिख ही रहे हैं जब तक ड्रेनेज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो जाएगा और शहर के मुख्य नाला को उससे जोड़ नहीं दिया जाएगा तब तक इस समस्या से शहर वासियों को दो-चार होते रहना ही पड़ेगा।
Posted By: Jagran
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